Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2016 · 2 min read

अनुभव की माला

जो कर्म को आईना बना कर आगे बढ़ते हैं
उनकी तस्वीर बहुत चमकदार बनती है
खा खा के ठोकरे सीखते जाते हैं तजुर्बे
तभी तो उनकी छवि खुश्बूदार बनती है
रात भर में कोई मश्हूर नही होता
सभी ने खुद को दिन रात तपाया होता है
अच्छे वक्त में जो तारीफ करे जोरों से
व्ही बुरे वक्त में अक्सर पराया होता है
मलिक की कलम करती नहीं वार किसी के जख्मों पर
बस उसने तो कड़वी सच्चाई से रूबरू कराया होता है
दुनिया को जीतना असम्भव नहीं प्यारे
मायूस आदमी तो खुद का ही हराया होता है
कर ले हर पल उस मालिक को याद
नहीं तो वक्त की सुनामी कर डालेगी बर्बाद
बदलते वक्त में तो परछाई भी परायी है
तभी तो अब तेजी से मैंने कलम चलायी है
अच्छे सन्देश जन जन तक पहुँचाने है
कुछ भटके सही राह पर लाने हैं
अंतरात्मा से लो निर्णय हर पल धैर्य से तुम
छोड़ के झमेले बस हो जाओ उस खुदा में गुम
फिर देखो तो कुदरत के रंग
कैसे चलती है पल पल तुम्हारे संग
परीक्षा कड़ी होगी माना है
कुदरत के संग मुश्किल नहीं कुछ यही जाना है
मेरे लफ्जों को मिल जाये अगर सच्ची वाहवाही का साथ
कसम से शब्दों से कर दू कमाल हाथों हाथ
अपने कर्म से , शर्म से , धर्म से अपना वक्त गुजार लीजिये
इंसान हो बन्धु इंसानियत का ही परिचय दीजिये
बन जाओ खुद की नजरों में शरीफ
तुम्हारी आत्मा ही सच्ची सखी है
कर लो डट कर अच्छे कर्म इस धरा पर
वर्ना तो दुनिया तो भगवान से भी दुखी है
फर्ज की आवाज को न करना तुम फीका
कर्म का लगाते रहना नित नित टीका
निंदा से होकर दूर डुबो कुदरत के प्यार में
प्रेम की गंगा हो सके तो बहा दो इस संसार में
लिखावट में हुई कमी की मेरी तरफ से माफ़ी है
लिख पाया इतना बस यही मेरे लिए काफी है

Language: Hindi
4 Comments · 861 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from कृष्ण मलिक अम्बाला
View all
You may also like:
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
इश्क की गली में जाना छोड़ दिया हमने
इश्क की गली में जाना छोड़ दिया हमने
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
तीन सौ वर्ष की आयु  : आश्चर्यजनक किंतु सत्य
तीन सौ वर्ष की आयु : आश्चर्यजनक किंतु सत्य
Ravi Prakash
ख्वाहिशों के समंदर में।
ख्वाहिशों के समंदर में।
Taj Mohammad
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
**मन में चली  हैँ शीत हवाएँ**
**मन में चली हैँ शीत हवाएँ**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐प्रेम कौतुक-319💐
💐प्रेम कौतुक-319💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
पूर्वार्थ
माँ
माँ
Anju
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
जनक दुलारी
जनक दुलारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हवा बहुत सर्द है
हवा बहुत सर्द है
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
SATPAL CHAUHAN
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
!! मेरी विवशता !!
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
सहारा...
सहारा...
Naushaba Suriya
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
"किस पर लिखूँ?"
Dr. Kishan tandon kranti
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
विरान तो
विरान तो
rita Singh "Sarjana"
23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तौलकर बोलना औरों को
तौलकर बोलना औरों को
DrLakshman Jha Parimal
चेहरे की शिकन देख कर लग रहा है तुम्हारी,,,
चेहरे की शिकन देख कर लग रहा है तुम्हारी,,,
शेखर सिंह
Loading...