Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2017 · 1 min read

** अदालत-ए-इश्क **

मुवक्किल थे हम उनके
अदालत-ए-इश्क में
पैरवी कुछ इस तरह की
हम जीती हुई बाजी हारे ।।
?मधुप बैरागी
प्राणों का नहीं मोह मुझे
न मृत्यु का है भी
मृत्यु अंकशायिनी बनी
तभी तो है जीवन अपराधी ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
चार दिन की ज़िंदगी
चार दिन की ज़िंदगी
कार्तिक नितिन शर्मा
महफिल में तनहा जले,
महफिल में तनहा जले,
sushil sarna
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
सरप्लस सुख / MUSAFIR BAITHA
सरप्लस सुख / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हाँ मैं नारी हूँ
हाँ मैं नारी हूँ
Surya Barman
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
" रिवायत "
Dr. Kishan tandon kranti
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
कवि दीपक बवेजा
3220.*पूर्णिका*
3220.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
VINOD CHAUHAN
माफ करना मैडम हमें,
माफ करना मैडम हमें,
Dr. Man Mohan Krishna
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
लक्ष्मी सिंह
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
Charu Mitra
"अकेलापन की खुशी"
Pushpraj Anant
रिमझिम बरसो
रिमझिम बरसो
surenderpal vaidya
जरूरी है
जरूरी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
गम के बगैर
गम के बगैर
Swami Ganganiya
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
SPK Sachin Lodhi
Loading...