रिश्ते कैजुअल इसलिए हो गए है
औरत औकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,
जीत मनु-विधान की / MUSAFIR BAITHA
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
एक ऐसा दृश्य जो दिल को दर्द से भर दे और आंखों को आंसुओं से।
*आ गई है खबर बिछड़े यार की*
*पाँच दोहे (कृपा करें जगदीश)*
हुनर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
23/43.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या
जीवन के रंगो संग घुल मिल जाए,
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चोट ना पहुँचे अधिक, जो वाक़ि'आ हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali