वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
शीत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तजो आलस तजो निद्रा, रखो मन भावमय चेतन।
💐प्रेम कौतुक-447💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
*बच्चों की मुस्कानें 【हिंदी गजल/गीतिका】*
विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
कैसा विकास और किसका विकास !
एक सलाह, नेक सलाह
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"