Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2016 · 1 min read

अगले जन्म की जमानत

रखे तू यादों में जिंदा ये इबादत है मेरी
यही यादें तेरे पास इक अमानत है मेरी
*****************************
ज़िंदा अल्फाजों में रहूँ या मै दिल में
यही अगले जन्म की जमानत है मेरी
*****************************
कपिल कुमार
25/08/2016

Language: Hindi
1 Like · 397 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
// कामयाबी के चार सूत्र //
// कामयाबी के चार सूत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
Satish Srijan
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मित्र बनाने से पहले आप भली भाँति जाँच और परख लें ! आपके विचा
मित्र बनाने से पहले आप भली भाँति जाँच और परख लें ! आपके विचा
DrLakshman Jha Parimal
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंद्रवती
इंद्रवती
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
surenderpal vaidya
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
Shweta Soni
एक फूल
एक फूल
Anil "Aadarsh"
मोहब्बत कर देती है इंसान को खुदा।
मोहब्बत कर देती है इंसान को खुदा।
Surinder blackpen
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी
Mahesh Tiwari 'Ayan'
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
Radhakishan R. Mundhra
💐प्रेम कौतुक-438💐
💐प्रेम कौतुक-438💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"किस बात का गुमान"
Ekta chitrangini
श्यामपट
श्यामपट
Dr. Kishan tandon kranti
अपनाना है तो इन्हे अपना
अपनाना है तो इन्हे अपना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गर
दुष्यन्त 'बाबा'
तलाकशुदा
तलाकशुदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
Shekhar Chandra Mitra
Ek jindagi ke sapne hajar,
Ek jindagi ke sapne hajar,
Sakshi Tripathi
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
वो एक विभा..
वो एक विभा..
Parvat Singh Rajput
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
Shankar N aanjna
ताकि वो शान्ति से जी सके
ताकि वो शान्ति से जी सके
gurudeenverma198
अस्ताचलगामी सूर्य
अस्ताचलगामी सूर्य
Mohan Pandey
Loading...