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27 Jul 2017 · 1 min read

अंधेरे में रोशनी

अपने साये को नज़र अंदाज़ मत कर
वो रहता है वक्त का हमराज़ बनकर।
ज्यों ज्यों रात गहराई आँख खुलती गयी,
दिन के करतबों की पोल खुलती गयी।
अंधेरा छा जाता है रोशनी का कभी ,
अंधेरे में रोशनी नज़र आती है कभी ।

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