Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2016 · 1 min read

अंतर्मन में एक शोर मचा हुआ है

अंतर्मन में एक शोर मचा हुआ है,
स्वार्थ का शिकंजा कसा हुआ है।

दास्ताँ अधूरी रह जाती हैं आज,
वासना में मन ये जकड़ा हुआ है।

देखो रिश्ते नाते सब बौने पड़े हैं,
दौलत का चश्मा चढ़ा हुआ है।

मानवता रही नहीं लोगों में अब,
लालच में हर कोई धंसा हुआ है।

संस्कृति लहुलुहान हो गयी आज,
पाश्चात्य रोम रोम में बसा हुआ है।

कलम चापलूसी करने में लगी है,
ऐसा चाटुकारिता का नशा हुआ है।

देशहित की सोचता नहीं नेता कोई,
सत्ता सुख का चस्का लगा हुआ है।

मूर्खों की जय जयकार होने लगी,
समझदारों का अकाल पड़ा हुआ है।

सुलक्षणा मत लिखा कर इतना अब,
हर कोई अहम का पाठ पढ़ा हुआ है।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

2 Likes · 1 Comment · 526 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*बड़े नखरों से आना और, फिर जल्दी है जाने की 【हिंदी गजल/गीतिक
*बड़े नखरों से आना और, फिर जल्दी है जाने की 【हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
बाकी सब कुछ चंगा बा
बाकी सब कुछ चंगा बा
Shekhar Chandra Mitra
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
manjula chauhan
*जय माँ झंडेया वाली*
*जय माँ झंडेया वाली*
Poonam Matia
💐प्रेम कौतुक-527💐
💐प्रेम कौतुक-527💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"धन्य प्रीत की रीत.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
धुवाँ (SMOKE)
धुवाँ (SMOKE)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Mystery
Mystery
Shyam Sundar Subramanian
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
सौंदर्य छटा🙏
सौंदर्य छटा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरी एजुकेशन शायरी
मेरी एजुकेशन शायरी
Ms.Ankit Halke jha
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
ruby kumari
2768. *पूर्णिका*
2768. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
Srishty Bansal
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
कब मिलोगी मां.....
कब मिलोगी मां.....
Madhavi Srivastava
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
Manisha Manjari
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Ram Krishan Rastogi
मां के आँचल में
मां के आँचल में
Satish Srijan
!! दूर रहकर भी !!
!! दूर रहकर भी !!
Chunnu Lal Gupta
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
dks.lhp
गीत
गीत
Shiva Awasthi
ईश्वर के रहते भी / MUSAFIR BAITHA
ईश्वर के रहते भी / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
वो निरंतर चलता रहता है,
वो निरंतर चलता रहता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
Bhupendra Rawat
Loading...