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17 May 2017 · 1 min read

??कर लेता हूं??

??कर लेता हूं??
कभी कभी अपनी किस्मत पर यकीन कर लेता हूं,,,,
भला तो हूँ बहुत मगर फिर भी गुन्हा संगीन कर लेता हूं,,,,

एक तेरा नाम है,सोहरत है,इस मुक्कमल जहान मे,,,,
बस इसलिए यारा तुझमें ही नजरे लीन कर लेता हूं,,,,

कोई दुआ कर देना इश्क़ की खातिर वक़्त मिल जाये तो,,,,
में भी तेरी दूरकी यादों से आंखे नमकीन कर लेता हूं,,,,

सीखा नही में किसी मदरसे से मैंने हरफो को पढ़ना,,,,
फिर तेरी भलाई में इबादत नमाज़ आमीन पढ़ लेता हूं,,,,

मनु की बात का तुझपे असर अक्सर कम ही रहा है,,,,
पर यकीन करना में तेरी गप्प पर भी यकी कर लेता हूं,,,,

मानक लाल मनु,,,,
सरस्वती साहित्य परिषद,,,,

Language: Hindi
234 Views
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