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20 Jan 2017 · 1 min read

ग़ज़ल

कोई अपनों के रिश्तो में गैर होते हैं
कोई गैर होकर भी जो अपने होते है

रिश्तों के नाम से रिश्ता नहीं होता
कोई रिश्तों के बगैर ही साथ होते हैं

गज़ब है इन्सान के नाम ये जीवन
कभी जीवन में कोई बेजान होते हैं

पौधों से रिश्तों का बना यह पेड़ देखो
जड़ों में प्यार से रिश्ते सफल होते है

*
|| पंकज त्रिवेदी ||

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