Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2016 · 1 min read

ग़ज़ल- रेत पर जिन्दगी

ग़ज़ल- रेत पर जिन्दगी
■■■■■■■■■■■■
रेत पर जिन्दगी का महल दोस्तोँ
ऐसा लगने लगा आजकल दोस्तोँ

क्या ग़ज़ब का तरीका है उसने चुना
दोस्त बन के किया है कतल दोस्तोँ

ग़म से डर जाऊँगा ये जरूरी नहीँ
कीच से कब डरे है कमल दोस्तोँ

ग़म नहीँ है मुझे यार ऐसा मिला
चीज मिलती कहाँ अब असल दोस्तोँ

मेरे महबूब का कोई सानी नहीँ
कोई उसका नहीँ है बदल दोस्तोँ

जाने क्या सोचकर लूटते हो हमेँ
ले के जाओगे क्या चल-अचल दोस्तोँ

आज ‘आकाश’ क्योँ दूसरोँ के लिए
आँख होती नहीँ है सजल दोस्तोँ

– आकाश महेशपुरी

469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"वादा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
Dr. Man Mohan Krishna
एक दिवाली ऐसी भी।
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
Amit Pathak
बेटी
बेटी
Sushil chauhan
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
*Author प्रणय प्रभात*
अच्छाई ऐसी क्या है तुझमें
अच्छाई ऐसी क्या है तुझमें
gurudeenverma198
सफलता के बीज बोने का सर्वोत्तम समय
सफलता के बीज बोने का सर्वोत्तम समय
Paras Nath Jha
चुप
चुप
Ajay Mishra
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
वक्त की जेबों को टटोलकर,
वक्त की जेबों को टटोलकर,
अनिल कुमार
💐प्रेम कौतुक-507💐
💐प्रेम कौतुक-507💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
कुछ नमी
कुछ नमी
Dr fauzia Naseem shad
*नवाब रजा अली खॉं ने श्रीमद्भागवत पुराण की पांडुलिपि से रामप
*नवाब रजा अली खॉं ने श्रीमद्भागवत पुराण की पांडुलिपि से रामप
Ravi Prakash
2405.पूर्णिका
2405.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"सागर तट पर"
Dr. Kishan tandon kranti
सच की ताक़त
सच की ताक़त
Shekhar Chandra Mitra
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
नेताम आर सी
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
नववर्ष तुम्हे मंगलमय हो
नववर्ष तुम्हे मंगलमय हो
Ram Krishan Rastogi
नारी
नारी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
केतकी का अंश
केतकी का अंश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
नियति को यही मंजूर था
नियति को यही मंजूर था
Harminder Kaur
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
Loading...