Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2017 · 1 min read

ग़ज़ल /गीतिका

अब लूटपाट स्त्रीत्व हरण, सब चरम हुए
व्यभिचार छल कपट, यही सबके धरम हुए |
जब तेरी खिन्नता भरी आँखे भी’ नम हुए
समझा था’ दुःख तेरी’, यही तो भरम हुए |
थे महरबां कभी यहाँ भरपूर खूबियाँ
इस वक्त संत साधु भी’ अति बेरहम हुए |
वो चिडचिडा स्वभाव तेरा कर गया असर
दिल चूहा काँपता सदा ,डरपोक हम हुए |
कुछ कम हुआ तो’ कुछ में’ जियादा हुआ असर
दर सबकी ऊँची है, ज़रा मानव के कम हुए |
वो दौलते तमाम कमाई थी धोखे’ से
अब जब्त हो गए तो सरापा अलम हुए |
तेरी जाफा से’ और क्या’ नुकशान होना’था
मुझ पर तो’ वक्त का भी’ निराले सितम हुए |
सबके विलाप में भी’ हमारा विलाप था
इस भारती की’ गोद में सबके जनम हुए ||

कालीपद ‘प्रसाद’

306 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फिर एक बार 💓
फिर एक बार 💓
Pallavi Rani
सियासत में आकर।
सियासत में आकर।
Taj Mohammad
अंदर का मधुमास
अंदर का मधुमास
Satish Srijan
■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम
■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम
*Author प्रणय प्रभात*
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
मुश्किल है कितना
मुश्किल है कितना
Swami Ganganiya
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्ते बनाना आसान है
रिश्ते बनाना आसान है
shabina. Naaz
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
फिर झूठे सपने लोगों को दिखा दिया ,
फिर झूठे सपने लोगों को दिखा दिया ,
DrLakshman Jha Parimal
I sit at dark to bright up in the sky 😍 by sakshi
I sit at dark to bright up in the sky 😍 by sakshi
Sakshi Tripathi
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
अफसोस
अफसोस
Dr. Kishan tandon kranti
अनंत का आलिंगन
अनंत का आलिंगन
Dr.Pratibha Prakash
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
Sukoon
कोई ख़्वाब है
कोई ख़्वाब है
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कुराहटों के मूल्य
मुस्कुराहटों के मूल्य
Saraswati Bajpai
बंदिशें
बंदिशें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं साहिल पर पड़ा रहा
मैं साहिल पर पड़ा रहा
Sahil Ahmad
"स्वप्न".........
Kailash singh
💐प्रेम कौतुक-297💐
💐प्रेम कौतुक-297💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
Ranjeet kumar patre
*
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
Shashi kala vyas
अपनों को नहीं जब हमदर्दी
अपनों को नहीं जब हमदर्दी
gurudeenverma198
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
प्रीतम श्रावस्तवी
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
बलात-कार!
बलात-कार!
अमित कुमार
दोस्ती....
दोस्ती....
Harminder Kaur
2693.*पूर्णिका*
2693.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*आओ-आओ योग करें सब (बाल कविता)*
*आओ-आओ योग करें सब (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...