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13 Mar 2017 · 1 min read

होली (घनाक्षरी)

हरा पीला काला लाल।
नीला जामुनी गुलाल।।
लेके बड़े बूढ़े बाल।
चली कहाँ टोली रे।।

बजते नगाड़े ढोल।
करें सब मेल जोल।।
प्रेम रंग अनमोल।
बोले मीठी बोली रे।

रंग भरी पिचकारी।
रंगों की बौछार जारी।
खेल रहे नर नारी।
भर भर झोली रे।।

हिन्दू व मुसलमान।
ईसाई सभी समान।
प्रेम सबसे महान।
मिल खेलें होली रे।।

होली के पावन पर्व की हार्दिक शुभ कामनाएं????

कौशलेन्द्र सिंह लोधी ‘कौशल’

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