” हंसी हमारा गहना है ” !!
परिधान सजे रंगीले ,
आभूषण भी बड़े कटीले !
फूलोँ से है प्यार बड़ा ,
ऐसे लदे , लगे सजीले !
उन्मुक्त धरा ,उन्मुक्त गगन –
उन्मुक्त हमे रहना है !!
भाव भंगिमा सुमधुर ,
नयन नशीले बड़े मदिर !
आतप सहती है काया ,
नहीं थकें हम पल भर !
राह कंटीली है पथरीली –
खुशबू जैसा बहना है !!
प्रकृति की कलकल ,
जीवन है यहां निश्छल !
ज्यादह की ना चाहत ,
हम पीते रोज़ हलाहल ।
प्यार यहाँ कसौटी चढ़ता –
कांटों संग रहना है ।।
रंग कई बिखरे हैं ,
यहाँ स्वप्न सजे संवरें हैं !
है पराग बिखरा सा ,
औ खुशबू पर पहरे हैं !
तीर कमान खिचें कब जाने –
भाग्य बदा सहना है !!
बृज व्यास