स्वयं सुधार
स्वयं सुधार कर एक नयी शुरूआत करे
घने अज्ञान के तम मे ज्ञान का प्रभात करे
समय को बहुमूल्य समझे इसे न व्यर्थ बर्वाद करे।
बेवजह की गल्प त्यजकर. प्रगति की बात करे।
बुराइयो को निकाले मन से और उसे मात करे।
सब कुशल युक्त हो अच्छाइयां युक्त गात करे
उठे जगे श्रेष्ठ को पहचाने. और उनका ही साथ करे।