Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

सोचो जो बेटी ना होती

????
सोचो जो बेटी ना होती,
तो ये दुनिया कैसी होती?
धरती के अन्दर जो
अंकुर ना फूटती,
तो क्या धरती पर जीवन होती?
सोचो जो बेटी ना होती……

ना ही ये सुन्दर प्रकृति होती।
ना सागर में सीपी होती
ना ही सीप में मोती होती।
ना ही जीवन ज्योति होती।
सोचो जो बेटी ना होती…..

ना तुम होते,ना हम होते,
ना ये रिश्ते-नाते होते।
ना ही अपनेपन की बातें होती।
ना ही प्रकृति सुन्दर रंग समेटे होती।
सोचो जो बेटी ना होती….

ना ही प्यार,त्याग की भावना होती।
ना ही बरसात करूणा की होती।
ना ये संसार सुन्दर इतनी होती।
सोचो जो बेटी ना होती..
????—लक्ष्मी सिंह?☺

1 Like · 1 Comment · 487 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
सबके सामने रहती है,
सबके सामने रहती है,
लक्ष्मी सिंह
" मैं तन्हा हूँ "
Aarti sirsat
चौथ मुबारक हो तुम्हें शुभ करवा के साथ।
चौथ मुबारक हो तुम्हें शुभ करवा के साथ।
सत्य कुमार प्रेमी
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
कवि रमेशराज
■ नई महाभारत..
■ नई महाभारत..
*Author प्रणय प्रभात*
राह कठिन है राम महल की,
राह कठिन है राम महल की,
Satish Srijan
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
Anand Kumar
वार्तालाप
वार्तालाप
Pratibha Pandey
पिय
पिय
Dr.Pratibha Prakash
" बोलियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
24/235. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/235. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
Manisha Manjari
-- आगे बढ़ना है न ?--
-- आगे बढ़ना है न ?--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
उफ़ ये बेटियाँ
उफ़ ये बेटियाँ
SHAMA PARVEEN
नींद आने की
नींद आने की
हिमांशु Kulshrestha
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
Keshav kishor Kumar
राजस्थान में का बा
राजस्थान में का बा
gurudeenverma198
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Seema gupta,Alwar
सुप्रभात गीत
सुप्रभात गीत
Ravi Ghayal
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
फ़ासले जब भी
फ़ासले जब भी
Dr fauzia Naseem shad
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
भोर अगर है जिंदगी,
भोर अगर है जिंदगी,
sushil sarna
रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार।
रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...