समझौते की कुछ सूरत देखो
समझौते की कुछ सूरत देखो
है किसको कितनी जरूरत देखो
ढेर लगे हैं आवेदन के अब
लोगो की अहम शिकायत देखो
लूटा करते , वोट गरीबों के
जाकर कुनबो की हालत देखो
भूखों मरते कल लोग मिलेंगे
रोटी होती क्या हसरत देखो
फैला दो उजियारा चार तरफ
एक दिए की कितनी ताकत देखो
सुशील यादव
दुर्ग