Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2016 · 2 min read

सच्ची घटना का काव्यमय प्रस्तुति

किसी किसी इंसान की कैसी होती है तकदीर ?
———————————————————–
किसी किसी इंसान की कैसी होती है तकदीर ?
कभीकभी भगवान भी निर्मम हो जाता बेपीर।।
दो बेटी एक बेटा पत्नी पति का था परिवार ,
सब खुशियाँ उनके घर में थीं सुखमय था संसार ।
आठ माह का बेटा था सुन्दर सुघड़ सलोना,
क्रूर काल के कारण होगया होना था जो होना ।।
बेटा बेटी पति पत्नी से घर थी खुशहाली।
बड़ा प्यार था पति पत्नी में मन में थी हरियाली ।।
एक दिन शैर सपाटे को निकले पति पत्नी और बेटा ।
मासूम से बेटे और पति का बड़ा भाग्य था हेटा ।।
अचानक एक्सीडेंट हुआ और पत्नी स्वर्ग सिधारी
क्रूर काल ने क्रूर भाग्य पर क्रूरतम ठोकर मारी ।।
पति असहाय बिलख रहा था न बेटे को खरोंच तक आयी ।
क्रूर काल की क्रूरतम ठोकर ह्रदय में गयी समायी।।
शोकाकुल परिवार हुआ भाग्य फूट गया पति का ।
तिनका तिनका वना घोंसला टूट गया था पति का ।।
आठ माह के कौमल शिशु का कौन था पालनहारा ।
पति की छोटी बहिन अलावा नहीं था कोई सहारा
हाय हाय पशु पक्षी करि रहे तरु भी अकुलाय रहे थे ।
अश्रुपात करके तरु मानो पत्ते गिराइ रहे थे ।।
मृगों के शावक शोक में उगल रहे थे निवाला।
पति बेटे के क्रूर भाग्य का कोई न था रखवाला ।।
बहिन जब दूध पिलाती माँ की याद आ जाती ।
पाषाण भी पिघलने लगता फट जाती बज्र की छाती ।।
मोरों ने नाचना छोड़ दिया धेनुओं ने पानी पीना ।
कोयल ने कूकना छोड़ दिया पशुओं ने जैसे जीना ।।
शोक भी शोकाकुल सा हुआ जैसे अश्रुपात हो रहा हो ।
करुणा भी कराह उठी जैसे वार वार रो रहा हो ।। माँ की याद करके शिशु रोता जाता चुप न कराया ।
माँ को इधर उधर देखता फिर भी कहीं न पाया ।
परिवार पडौसी सब थे बिलखते शिशु की कैसी ये तकदीर ।
समझाने से ह्रदय न समझे धरे न मन ये धीर ।।
ऐसा निर्मम भाग्य लिखे न खुदा कभी किसी का।
सभी प्रसन्न सुखी सब होवें होवे भला सभी का ।।
बिशेष:-सच्ची घटना पर आधारित

Language: Hindi
312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पर्यावरण और प्रकृति
पर्यावरण और प्रकृति
Dhriti Mishra
3171.*पूर्णिका*
3171.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"दयानत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
शब्द शब्द उपकार तेरा ,शब्द बिना सब सून
शब्द शब्द उपकार तेरा ,शब्द बिना सब सून
Namrata Sona
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
*Author प्रणय प्रभात*
दीवाली
दीवाली
Nitu Sah
शहज़ादी
शहज़ादी
Satish Srijan
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
Srishty Bansal
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
खेल और भावना
खेल और भावना
Mahender Singh
उत्थान राष्ट्र का
उत्थान राष्ट्र का
Er. Sanjay Shrivastava
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*भूमिका*
*भूमिका*
Ravi Prakash
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
दुआ
दुआ
Shekhar Chandra Mitra
चाँद नभ से दूर चला, खड़ी अमावस मौन।
चाँद नभ से दूर चला, खड़ी अमावस मौन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सन्तुलन"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
मजदूर
मजदूर
umesh mehra
कितना बदल रहे हैं हम
कितना बदल रहे हैं हम
Dr fauzia Naseem shad
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
मैं तो महज एहसास हूँ
मैं तो महज एहसास हूँ
VINOD CHAUHAN
छलनी- छलनी जिसका सीना
छलनी- छलनी जिसका सीना
लक्ष्मी सिंह
Loading...