Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2017 · 1 min read

(लघुकथा) फैसला

फैसला ( लघुकथा )
******
आज वह बेहद खुश दिखाई दिया, बहुत से देवस्थानों, दरगाहों मे जाकर माथा टेका है, मिठाइयाँ बाँटी है उसने….

खुशी की वजह भी कम तो नही….गत वर्षों से चल रहे मुकदमे मे आज कोर्ट का फैसला आया है….
चश्मदीद गवाहों एवं साक्ष्यों के अभाव मे बाइज्जत बरी किया गया है उसे… ..
मामला यह था कि कुछ साल पहले फुटपाथ पर सो रहे कुछ गरीब मजदूरो की मॊतं रात दो तीन बजे के लगभग किसी मोटर कार के द्वारा कुचले जाने से हुई थी ।
रात्रि मे सुनसान राह पर कोई चश्मदीद न होने व पर्याप्त धनसंपन्नता के कारण नामी वकील द्वारा केस लड़े जाने से आज बहुप्रतीक्षित परिणाम प्राप्त हुआ है ।
खुशी के माहॊल मेआज रात उनके आलीशान आवास मे कूछ शुभचिंतक मित्रों के साथ एक शानदार पार्टी का आयोजन भी है…..

गीतेश दुबे✍??

Language: Hindi
288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
Shyam Pandey
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
मानव पहले जान ले,तू जीवन  का सार
मानव पहले जान ले,तू जीवन का सार
Dr Archana Gupta
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
Shashi kala vyas
ओमप्रकाश वाल्मीकि : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
ओमप्रकाश वाल्मीकि : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Dr. Narendra Valmiki
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
surenderpal vaidya
खालीपन - क्या करूँ ?
खालीपन - क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
कवि दीपक बवेजा
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
Ashwini sharma
पाँव
पाँव
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम से ना हो पायेगा
तुम से ना हो पायेगा
Gaurav Sharma
सफर की महोब्बत
सफर की महोब्बत
Anil chobisa
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
कृष्णकांत गुर्जर
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*नि:स्वार्थ विद्यालय सृजित जो कर गए उनको नमन (गीत)*
*नि:स्वार्थ विद्यालय सृजित जो कर गए उनको नमन (गीत)*
Ravi Prakash
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
Mamta Singh Devaa
💐प्रेम कौतुक-245💐
💐प्रेम कौतुक-245💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बुद्ध मैत्री है, ज्ञान के खोजी है।
बुद्ध मैत्री है, ज्ञान के खोजी है।
Buddha Prakash
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम रट गये  जुबां पे,
तुम रट गये जुबां पे,
Satish Srijan
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
पिता
पिता
Swami Ganganiya
2378.पूर्णिका
2378.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...