Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2016 · 1 min read

यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था…..

यूँ भीख में लेना भी मंज़ूर न था
मुहब्बत में इतना भी मजबूर न था

ये ज़िंदगी मेरी रोशन थी उससे
अगरचे वो चमकता कोहिनूर न था

आबादियों ने क्या दी पहचान ए दिल
बर्बादियों से पहले मशहूर न था

है कौन सी सूरत महबूब तिरी ये
मेरा सनम तो इतना मगरूर न था

इश्क़ बिन भी जितनी ज़िंदगी गुज़री
था ज़ायक़ा उसमें पर भरपूर न था

परवाह थी बिजली और तूफ़ान की
बरसात में जीने का शऊर न था

जितना समझते थे आप मुझे हरदम
मगर इतना भी तुमसे मैं दूर न था

हसरत भरा ये दिल खाली कर डाला
इस तर ह मैं हल्का कभी हुज़ूर न था

——–सुरेश सांगवान ‘सरु’

2 Comments · 268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
*युगपुरुष राम भरोसे लाल (नाटक)*
*युगपुरुष राम भरोसे लाल (नाटक)*
Ravi Prakash
दोहा-
दोहा-
दुष्यन्त बाबा
बहुजन दीवाली
बहुजन दीवाली
Shekhar Chandra Mitra
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
अरमान
अरमान
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
😢शर्मनाक दोगलापन😢
😢शर्मनाक दोगलापन😢
*Author प्रणय प्रभात*
चाय पार्टी
चाय पार्टी
Mukesh Kumar Sonkar
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खुर्पेची
खुर्पेची
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बादलों के घर
बादलों के घर
Ranjana Verma
किस्मत
किस्मत
Neeraj Agarwal
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
यकीन नहीं होता
यकीन नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
surenderpal vaidya
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
Dr Archana Gupta
"कामना"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*कुछ कहा न जाए*
*कुछ कहा न जाए*
Shashi kala vyas
2709.*पूर्णिका*
2709.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
कवि दीपक बवेजा
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो
उसकी सूरत देखकर दिन निकले तो कोई बात हो
Dr. Shailendra Kumar Gupta
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
इश्क खुदा का घर
इश्क खुदा का घर
Surinder blackpen
Loading...