Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2016 · 3 min read

मोबाइल बुरा नहीं होता

लघु कथा
                  “मोबाईल बुरा नहीं होता”

मैं अपने सोसाइटी का सबसे कम पढ़नेवाला लड़का था इसलिए,क्योंकि मैं अपने सोसाइटी में लोगो के नजर में पढता कम और मोबाइल ज्यादा चलाता था ,और ये सच भी था कि मैं मोबाइल ज्यादा चलाता था।सभी लोग हमे कुछ अलग ही नजर से देखता था,पर मैं अपने आप में मनगन था क्योंकि कुछ नई टॉपिक पढ़नी होती थी तो मैं नेट के जरिए पढ़ लिया करता था साथ ही दैनिक समाचार भी पढ़ लिया करता था।रात को मैं 2-3 बजे तक नहीं सोता था कभी कोई रात को मोबाइल चलाते देख लेता अँधेरी रात को अहले दिन घर से सिकायत सुनने को मिलता था और धमकी भी की तुम नहीं सुधरोगे ,और नहीं सुधरोगे तो कम से कम हमलोगो को इस तरह बदनाम मत करो,घर के सारे परिवार बग़ल वाले सोनू का उदाहरण देते कि देखो कितना नेक लड़का है और कितना अच्छा पढाई करता है।पर मैं कुछ ऐसा गलत नहीं करता था जिससे हमे हानि हो पढाई से लेकर शारीरिक स्वास्थ्य तक,मैं भी पढता था पर कुछ ही मार्क्स उससे कम आता था वो भी लिटरेचर में क्योंकि मैं अधिक रट नहीं पाता था।अचानक एक रात को जब मैं छत पर था तो मुझे कुछ संदिग्ध नकाब पोशी लोग दिखा ।जो सोसाइटी में डकैती के मकसद से आया था।मैं छत पर छुप गया और उसकी एक तस्वीर ले ली और फ़ौरन ही पोलिस को फोन किया ।पुलिस वाले को आने में तो समय लगेगा ही इसी दरमियान मैंने उसे फ़ोन लगाया जिसके घर में वो लोग घुस रहा था पर उसकी नींद ऐसी थी की वो मेरा फ़ोन नहीं उठाया।फिर मैंने अपने घर में फोन लगाया यहाँ भी पापा नहीं फोन उठाये,फिर एक परोस के चाचा को फोन लगाया तो उसने फ़ोन उठाया तभी मुझे और उन्हें एक गोली की आवाज सुनाई दी।पर वो समझ नहीं सके तब मैंने उन्हें सारी बात बताई ।चाचा अपने परिवार को जगाया और शोर मचाने लगा सारे डकैत शोर सुनकर ऊपर वाले कमरे से नीचे आता तभी पोलिस भी आ पहुँची और दोनों तरफ से फायरिंग होने लगा और जब डकैत की गोलियाँ ख़त्म हो गई तो पोलिस वालो ने उन्हें घेर कर सारे को पकड़ लिया।और सारे सोसाइटी के लोग एक साथ इक्कठा हो गए।मैं भी पहुँचा वहाँ तो देखा कि एक दादा जी की मौत हो चुकी थी डकैत की गोली से ।पोलिस वालो ने मुझे बुलाया और बोला बेटा तुम्हारे कारण ही आज मैं इसे पकड़ सका हूँ अगर समय पर फोन नहीं किया होता तो न जाने किन किन को ये बेवकूफ मार डालते।आज तो इन दादा जी की भी मौत नहीं होती अगर समय पर ये लोग मेंरा फोन उठाया होता खैर ,सारे लोग एकटक मेरी ओर देखता रहा और कहने लगा आज राजू नहीं होता तो न जाने कितने लोग मारे जाते।और सबके सब मुझे कंधे पर उठा लिया।मेरे कहने पर उन्होंने मुझे नीचे उतारा।और मैंने उन सबो से कहा कि मैंने कुछ भी नहीं किया आज ये मोबाइल नहीं होता तो मैं पोलिस वालो को ख़त और आपलोगो को ख़त नहीं लिखता इसे पड़ने के लिए।ये सिर्फ इस मोबाइल का कमाल है।और ये मोबाइल इतना बुरा भी नहीं जितना आप लोग समझते है।बस इसका सही उपयोग करना जानिये दूर मत भागिए नहीं तो जमाने में पीछे रह जायेंगे।कुछ दिन बाद मुझे पुरष्कार से सम्मानित किया गया और मेरे पिताजी भी मुझे और मेरे सच्चाई को समझने लगे सोसाइटी का क्या बताऊ पुरे जिला का लोग मुझे जानने लगे।

लालजी ठाकुर

Language: Hindi
459 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मित्रता का मोल
मित्रता का मोल
DrLakshman Jha Parimal
जुग जुग बाढ़य यें हवात
जुग जुग बाढ़य यें हवात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐प्रेम कौतुक-225💐
💐प्रेम कौतुक-225💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*बल गीत (वादल )*
*बल गीत (वादल )*
Rituraj shivem verma
2310.पूर्णिका
2310.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बूँद बूँद याद
बूँद बूँद याद
Atul "Krishn"
"बचपन"
Tanveer Chouhan
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
दोस्ती और प्यार पर प्रतिबन्ध
दोस्ती और प्यार पर प्रतिबन्ध
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दिव्य दृष्टि बाधित
दिव्य दृष्टि बाधित
Neeraj Agarwal
जागो रे बीएलओ
जागो रे बीएलओ
gurudeenverma198
गीत - प्रेम असिंचित जीवन के
गीत - प्रेम असिंचित जीवन के
Shivkumar Bilagrami
कविता
कविता
Shiva Awasthi
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
Kumar lalit
"लाभ का लोभ"
पंकज कुमार कर्ण
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
"राखी"
Dr. Kishan tandon kranti
मन तो बावरा है
मन तो बावरा है
हिमांशु Kulshrestha
"तेरी याद"
Pushpraj Anant
आंधी
आंधी
Aman Sinha
राम है अमोघ शक्ति
राम है अमोघ शक्ति
Kaushal Kumar Pandey आस
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
Seema Verma
:: English :::
:: English :::
Mr.Aksharjeet
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
*Author प्रणय प्रभात*
समकालीन हिंदी कविता का परिदृश्य
समकालीन हिंदी कविता का परिदृश्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दूर मजदूर
दूर मजदूर
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
manjula chauhan
*तेरे साथ जीवन*
*तेरे साथ जीवन*
AVINASH (Avi...) MEHRA
नर जीवन
नर जीवन
नवीन जोशी 'नवल'
Loading...