Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2017 · 1 min read

मुस्कुराने से

????
मुस्कुराने से उम्र मेरी बढ़ती है ,
दुःख-दर्द और बीमारियां घटती है।

जिंदगी पल-पल ढलती है ,
रेत की तरह मुठ्ठी से फिसलती है।

ना जाने जिन्दगी का
कौन सा पल आखिरी है,

फिर क्यों न मुस्कुराते रहो,
जिंदगी तो एक बार ही मिलती है।
????- लक्ष्मी सिंह??

Language: Hindi
463 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
अपने होने
अपने होने
Dr fauzia Naseem shad
कीलों की क्या औकात ?
कीलों की क्या औकात ?
Anand Sharma
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
Ravi Prakash
गुरु
गुरु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ये आंखों से बहती अश्रुधरा ,
ज्योति
#लघुकथा- चुनावी साल, वही बवाल
#लघुकथा- चुनावी साल, वही बवाल
*Author प्रणय प्रभात*
औरत तेरी गाथा
औरत तेरी गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
शराब का सहारा कर लेंगे
शराब का सहारा कर लेंगे
शेखर सिंह
हम शायर लोग कहां इज़हार ए मोहब्बत किया करते हैं।
हम शायर लोग कहां इज़हार ए मोहब्बत किया करते हैं।
Faiza Tasleem
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक सूखा सा वृक्ष...
एक सूखा सा वृक्ष...
Awadhesh Kumar Singh
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
साहित्य मेरा मन है
साहित्य मेरा मन है
Harminder Kaur
रूप तुम्हारा,  सच्चा सोना
रूप तुम्हारा, सच्चा सोना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पुस्तकों से प्यार
पुस्तकों से प्यार
surenderpal vaidya
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
"अगर हो वक़्त अच्छा तो सभी अपने हुआ करते
आर.एस. 'प्रीतम'
शांतिवार्ता
शांतिवार्ता
Prakash Chandra
हरित - वसुंधरा।
हरित - वसुंधरा।
Anil Mishra Prahari
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
Ram Krishan Rastogi
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
💐उनकी नज़र से दोस्ती कर ली💐
💐उनकी नज़र से दोस्ती कर ली💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
लफ्ज़
लफ्ज़
Dr Parveen Thakur
रिसते हुए घाव
रिसते हुए घाव
Shekhar Chandra Mitra
मुझसे मिलने में तुम्हें,
मुझसे मिलने में तुम्हें,
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...