Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2017 · 1 min read

मुझसे रु-ब-रु तो हो

आए हो मुझसे मिलने तुम मुद्दतों के बाद
दे सकते क्या वक़्त का सौग़ात भी नहीं/

आते ही तुम क्यूँ कह रहे जाने को तो ही
अभी तो हुई है बात की शुरुआत भी नहीं/

थोड़ी देर पास ठहर मुझसे रु-ब-रु तो हो
अभी तो हुई है पूरी ही मुलाक़ात भी नहीं/

बैठे हो मेरे सामने मगर ख़ुद से उलझे हो
करते हो तुम क्यूँ कोई सवालात भी नहीं/

आकर मेरे क़रीब तुम फिर दूर जाते हो
समझते हो तुम क्यूँ मेरी जज़्बात भी नहीं/

छोड़ा है जबसे तूने मुझे बिखरा सा ही हूँ
क्या तुम देख रहे हो मेरे हालात भी नहीं/

रूह में समा मेरे ही क्यूँ इतना दूर हो गए
रखते हो अब तो कोई ताल्लुक़ात भी नहीं/

थम जाते लम्हात तो इस इश्क़ के मर्ज़ में
कटती तो अब मेरी ग़म-ए-रात भी नहीं/

तपता हूँ दिन रात ही विरहा की आँच में
आती है अब तो क्यूँ ये बरसात भी नहीं/

चलता नहीं किसी का दिल पर कोई ज़ोर
रोक सकता तो इश्क़ को ऐहतियात भी नहीं/

अब तो इस उलझन से ही कैसे बचें अजय
बचा सकता अब तो कोई करामात भी नहीं/

308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
पूर्वार्थ
रोजी रोटी
रोजी रोटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पीक चित्रकार
पीक चित्रकार
शांतिलाल सोनी
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
देवराज यादव
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
*ज्ञान मंदिर पुस्तकालय*
*ज्ञान मंदिर पुस्तकालय*
Ravi Prakash
तंज़ीम
तंज़ीम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
फूलों की ख़ुशबू ही,
फूलों की ख़ुशबू ही,
Vishal babu (vishu)
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
शेखर सिंह
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
लोग दुर चले जाते पर,
लोग दुर चले जाते पर,
Radha jha
विषय
विषय
Rituraj shivem verma
■एक टिकट : सौ निकट■
■एक टिकट : सौ निकट■
*Author प्रणय प्रभात*
उसको फिर उससा
उसको फिर उससा
Dr fauzia Naseem shad
स्वयंसिद्धा
स्वयंसिद्धा
ऋचा पाठक पंत
ज्ञानों का महा संगम
ज्ञानों का महा संगम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
मौन जीव के ज्ञान को, देता  अर्थ विशाल ।
मौन जीव के ज्ञान को, देता अर्थ विशाल ।
sushil sarna
स्वच्छंद प्रेम
स्वच्छंद प्रेम
Dr Parveen Thakur
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
कवि रमेशराज
आज़ाद पंछी
आज़ाद पंछी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
लोकतंत्र में शक्ति
लोकतंत्र में शक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
आंसू
आंसू
नूरफातिमा खातून नूरी
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...