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7 Oct 2017 · 1 min read

मुक्तक

मेरी यादें ही तेरा हिसाब हैं,
बहे जो आँसू तेरे वो ख़्वाब हैं
हर शर्त तेरी मंज़ूर हैं बेदर्दी
दी थी जो गुलाब सूख गये हैं

Language: Hindi
273 Views
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