Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2017 · 2 min read

*माता पिता और संतान के बीच घुटते-मरते रिश्ते*

माता पिता और संतान के बीच घुटते-मरते रिश्ते

अक्सर सोचती हूं वृद्ध माता पिता और बच्चों के बीच तालमेल क्यों नहीं बैठ पाता..क्यों बच्चे माता पिता को अपने हिसाब से कंट्रोल करने लगते हैं..या माता पिता ही साथ नहीं रहना चाहते..अपने बच्चों की स्थिति को समझना नहीं चाहते..रिटायर होने के बाद अकेलापन बहुत सताता है..बच्चों के पास समय नहीं होता या फिर यूं कहें कि बच्चे वृद्ध होते माता पिता के पास बैठना समय की बर्बादी समझते हैं..ठीक है वो हमें नहीं समझते लेकिन हम तो उन्हें समझ सकते हैं..क्या पैसा रिश्तो से बढ़कर है ? अगर हम घर में रिश्तो को आपस में समय नहीं दे सकते तो बेकार है ऐसी ज़िन्दगी..एक ही छत के नीचे अगर चूल्हा अलग अलग जलता है तो ऐसे संस्कार व्यर्थ हैं..कैसे रह लेते हैं लोग एक ही छत के नीचे घुटते हुए..मरते हुए..मौत से पहले ही मर जाना..क्या यही है ज़िन्दगी ? दूसरी ओर, क्या माता पिता को भी इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में बच्चों के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए? बेकार का अहंकार सिर्फ़ रिश्तो में दरार ही पैदा करता है..इसके अलावा कुछ नहीं..कहीं पर बच्चे रिश्तो की अहमियत नहीं समझते और कहीं पर माता पिता अपने अहम् में घर में शान्ति नहीं होने देते..कुछ भी हो..रिश्ते तो मर ही रहे हैं..नतीज़ा..तनाव और अकेलापन…इस स्थिति से निकलने के लिये एक दूसरे की परिस्थितियों को समझना बहुत ज़रूरी है..बच्चों को चाहिए अपनी भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में से कुछ समय अपने माता पिता के लिये भी निकालें..उनके पास बैठे..बात करें..अगर वे साथ नहीं रहना चाहते तो उनसे दिन में या जब भी समय मिले फोन पर हालचाल पूछा ही जा सकता है..वहीं माता पिता को भी समझना चाहिए बच्चों की भी अपनी निज़ी ज़िन्दगी है..बेवज़ह दखल न दें..रिश्तो में सांस लेने की ज़गह होनी चाहिए..नहीं तो दम घुटने लगता है..एक बात और.. पश्चिमी संस्कृति को अपनाकर हमारी युवा पीढ़ी भ्रमित हो रही है..गलत रास्ते पर जा रही है..इस संस्कृति की कुछ अच्छी बातें अपनाकर वही ” सादा जीवन उच्च विचार” अपनाना ही समाज में संतुलन बनाने के लिये अति आवश्यक है..अपनी ज़मीन से जुड़ा रहना बहुत ज़रूरी है.
©® अनुजा कौशिक

Language: Hindi
Tag: लेख
1483 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
★उसकी यादों का साया★
★उसकी यादों का साया★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*कभी कटने से पहले भी,गले में हार होता है 【मुक्तक】*
*कभी कटने से पहले भी,गले में हार होता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
शरद
शरद
Tarkeshwari 'sudhi'
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
बाल मन
बाल मन
लक्ष्मी सिंह
"स्मार्ट विलेज"
Dr. Kishan tandon kranti
एकाकीपन
एकाकीपन
Shyam Sundar Subramanian
2
2
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
Phool gufran
श्रीराम पे बलिहारी
श्रीराम पे बलिहारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
माँ मेरी परिकल्पना
माँ मेरी परिकल्पना
Dr Manju Saini
है कौन वहां शिखर पर
है कौन वहां शिखर पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
Seema gupta,Alwar
झुकाव कर के देखो ।
झुकाव कर के देखो ।
Buddha Prakash
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
Jyoti Khari
💐प्रेम कौतुक-182💐
💐प्रेम कौतुक-182💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शिक्षक है आदर्श हमारा
शिक्षक है आदर्श हमारा
Harminder Kaur
(6)
(6)
Dr fauzia Naseem shad
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
पता ही नहीं चलता यार
पता ही नहीं चलता यार
पूर्वार्थ
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
2814. *पूर्णिका*
2814. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जरुरी नहीं कि
जरुरी नहीं कि
Sangeeta Beniwal
*खुशबू*
*खुशबू*
Shashi kala vyas
इश्क की रूह
इश्क की रूह
आर एस आघात
हर हर महादेव की गूंज है।
हर हर महादेव की गूंज है।
Neeraj Agarwal
■सामयिक दोहा■
■सामयिक दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...