Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2017 · 1 min read

भाईचारा

     एक इंजिनियर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा जाता है। अदालत में पेश किया जाता है न्यायधीश पूछता है – आप ने रिश्वत ली ?
       इंजिनियर – मैनें तो रिश्वत मांगी ही नहीं है
        न्यायधीश – फिर ये क्या है ?
         इंजिनियर – सर ! ये तो भाईचारा है ये हमें पैसे देते है हम इन का काम करते है। मैने तो रिश्वत मांगी ही नहीं है। फिर ये रिश्वत कैसे हो सकती है ?
          केस चल रहा है फैसला आना बाकी है
– बीजेन्द्र जैमिनी

Language: Hindi
519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
Rashmi Ranjan
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
PK Pappu Patel
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
डोरी बाँधे  प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
डोरी बाँधे प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
Mahendra Narayan
"कब तक छुपाहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
फटेहाल में छोड़ा.......
फटेहाल में छोड़ा.......
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
विमला महरिया मौज
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आंखों में
आंखों में
Surinder blackpen
Writing Challenge- जानवर (Animal)
Writing Challenge- जानवर (Animal)
Sahityapedia
बड़े होते बच्चे
बड़े होते बच्चे
Manu Vashistha
कविता
कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ख़ुद से ख़ुद को
ख़ुद से ख़ुद को
Akash Yadav
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
Rj Anand Prajapati
मेरी समझ में आज तक
मेरी समझ में आज तक
*Author प्रणय प्रभात*
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पुस्तक समीक्षा-सपनों का शहर
पुस्तक समीक्षा-सपनों का शहर
दुष्यन्त 'बाबा'
विचार~
विचार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
मदर टंग
मदर टंग
Ms.Ankit Halke jha
💐 Prodigi Love-47💐
💐 Prodigi Love-47💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
हिंदी की दुर्दशा
हिंदी की दुर्दशा
Madhavi Srivastava
यही जीवन है ।
यही जीवन है ।
Rohit yadav
संत कबीरदास
संत कबीरदास
Pravesh Shinde
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"अकेडमी वाला इश्क़"
Lohit Tamta
Loading...