Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2017 · 1 min read

बेटियां..

???वेदना के स्वर तितली के संग???
काश
मै
तितली होती
उडती मदमस्त फिजाओं में
इन्द्रधनुषी रंगों में रंगकर
रंगती सारे सपनो को
सपने जो बुनती थी मै
अरमानो का पंख लिए
बहुत दूर उडती थी मै
देख कहा करते थे बाबा
नाम करेगी रोशन तू
आसमानों पर उड़ने वाली
तारों सा चमकेगी तू
चमक रही हूँ अब भी मै
बन सुर्खियाँ अखबारों की
पंख नोच लिए वहशियों ने
पड़ी हुई लाचारों सी
तड़प रही हूँ सिसक रही हूँ
रंग सारे बिखर गए
बिखर गया हर सपना मेरा
सर शर्म से झुक गए
सूनी आँखों से बाबा
देख रहे टूटे तारे
अब तितली जैसी कहाँ बेटियाँ
पंख तो सारे क़तर गए
काश मै तितली होती
उड़ जाती आसमानों में
वहशी इतना उड़ नहीं सकते
ढूंढ ना पाते वो मुझको
छुप जाती फूलों के रंग में
पर फूल तो सारे मसल गए
सोच नहीं जब तक बदलेगी
तितली तब तक उड़ ना सकेगी
आसमान पर उड़ने वाली
धरती पर भी रह न सकेगी ………..
डॉ शिप्रा शिल्पी [कोलोन जर्मनी ]

2 Likes · 1 Comment · 1352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Sampada
दुकान वाली बुढ़िया
दुकान वाली बुढ़िया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
दरवाज़े
दरवाज़े
Bodhisatva kastooriya
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोरी का झुमका
गोरी का झुमका
Surinder blackpen
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
*Author प्रणय प्रभात*
Tum khas ho itne yar ye  khabar nhi thi,
Tum khas ho itne yar ye khabar nhi thi,
Sakshi Tripathi
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
DrLakshman Jha Parimal
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शेखर सिंह
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
दर्पण
दर्पण
लक्ष्मी सिंह
"सपनों का सफर"
Pushpraj Anant
भेंट
भेंट
Harish Chandra Pande
::बेवफा::
::बेवफा::
MSW Sunil SainiCENA
2507.पूर्णिका
2507.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
You're going to realize one day :
You're going to realize one day :
पूर्वार्थ
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
जिस्म से रूह को लेने,
जिस्म से रूह को लेने,
Pramila sultan
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
शतरंज
शतरंज
भवेश
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
किसी शायर का ख़्वाब
किसी शायर का ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
श्री गणेश वंदना:
श्री गणेश वंदना:
जगदीश शर्मा सहज
*गुरुदेव की है पूर्णिमा, गुरु-ज्ञान आज प्रधान है【 मुक्तक 】*
*गुरुदेव की है पूर्णिमा, गुरु-ज्ञान आज प्रधान है【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...