Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

बेटियाँ

कोमल फूल की कली सी होती हैं बेटियाँ ।
माँ बाप के लाड़ में पली होती हैं बेटियाँ ।।
खुशी का पिटारा होतीं हैं बेटियाँ ।
घर का सितारा होतीं हैं बेटियाँ ।।
विनम्रता और लज्जालुता हैं उनके गुण ।
बेटियाँ होतीं हर कार्य में निपुण ।।
बेटियाँ बहादुर वीरांगनाएँ हैं ।
बेटियाँ विश्व की गौरव गाथाएँ हैं ।।
बेटियाँ सिर्फ दो कुलों का ही नहीं करतीं हित ।
बेटियाँ नहीं होने देतीं किसी का भी अहित ।।
बेटियों से नव कल्पनाएँ हैं ।
बेटियाँ मंगल कामनाएँ हैं ।।
बेटियों को खुले आसमान में उड़ान भरने दो ।
बेटियों को नित नए इतिहास गड़ने दो ।।
बेटियाँ मान – सम्मान हैं ।
बेटियाँ विश्व की शान हैं ।।
बेटियों ने जब दिखाया अपना कौशल ।
सम्पूर्ण विश्व रहा चकित एक पल ।।
बेटियाँ अबला नहीं, बलवान हैं ।
बेटियों से ये जहान हैं ।।
बेटियाँ कभी बहिन रूप में भाई को स्नेह देती ।
बेटियाँ कभी माँ रूप में बच्चों को स्नेह धारा में डुबोती ।।

– नवीन कुमार जैन

837 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
Kabhi kabhi hum
Kabhi kabhi hum
Sakshi Tripathi
गांधी के साथ हैं हम लोग
गांधी के साथ हैं हम लोग
Shekhar Chandra Mitra
पाँव में छाले पड़े हैं....
पाँव में छाले पड़े हैं....
डॉ.सीमा अग्रवाल
2833. *पूर्णिका*
2833. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वोट के मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
घूंटती नारी काल पर भारी ?
घूंटती नारी काल पर भारी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
राम विवाह कि हल्दी
राम विवाह कि हल्दी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
Karishma Shah
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
बेटी पढ़ायें, बेटी बचायें
बेटी पढ़ायें, बेटी बचायें
Kanchan Khanna
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
Namrata Sona
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
*ईश का वरदान है 【मुक्तक】*
*ईश का वरदान है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
प्रेम
प्रेम
विमला महरिया मौज
#बैठे_ठाले
#बैठे_ठाले
*Author प्रणय प्रभात*
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जन्माष्टमी
जन्माष्टमी
लक्ष्मी सिंह
जीवन की सच्चाई
जीवन की सच्चाई
Sidhartha Mishra
संकल्प
संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यार के बारे में क्या?
प्यार के बारे में क्या?
Otteri Selvakumar
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
उनकी यादें
उनकी यादें
Ram Krishan Rastogi
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
जगदीश लववंशी
प्यार में ना जाने क्या-क्या होता है ?
प्यार में ना जाने क्या-क्या होता है ?
Buddha Prakash
वो ज़िद्दी था बहुत,
वो ज़िद्दी था बहुत,
पूर्वार्थ
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...