Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2017 · 1 min read

बारिश

बारिश
उमड़ उमड़ रहे घुमड़ घुमड़,
घन बरसाने को वर्षा
घरड़ घरड़ सुन गरज गरज,
प्यासी धरा उर हर्षा।

छम छम बूंदें बाज रहीं,
थिरके प्रकृति अलबेली।
श्रावण माह में पड़ गये झूले,
सखियां करें अठखेली।

हुलस हुलस कर कुहके कोयल,
मधुर शहद सी उसकी बोली।
आ हाथ पकड़ बरसात में भीगें,
हम तुम सजना हमजोली।

मेह, वृष्टि, बारिश और बर्खा,
पिया मिलन की आस जगाती।
होले से नटखट पुर्वा कुछ कहकर,
मोहे छेड़ छेड़ हाय जाती।

नव दुल्हन से खिले वन-उपवन
सुमन,तरु- ताड़,लता-वल्लरी,
मिटी तपन ज्वर ग्रसित धरती की,
हुई अतिशय भाव विहल्ल री।

सुन वर्षा, संपूर्ण प्राणी जगत का,
अमिट आस विश्वास है तुम पर।
झमाझम बूंदों से प्यास बुझादो,
बरसकर गांव,शहर,महानगर।

तेरी रिमझिम से ए बरसात,
अचला करती सोलह श्रृंगार ।
तेरे आगमन से श्रावण में,
छाई मनहर बयार बहार।

कहे नीलम प्यारी वर्षा-वृष्टि,
स्याह मेघ-घन साथ ले आओ।
करुं करबद्ध अरज,निवेदन
प्यासी वसुधा की प्यास बुझाओ।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
649 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
कलयुग और महाभारत
कलयुग और महाभारत
Atul "Krishn"
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
Rj Anand Prajapati
हमने अपना भरम
हमने अपना भरम
Dr fauzia Naseem shad
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
_सुलेखा.
बुद्ध या विनाश
बुद्ध या विनाश
Shekhar Chandra Mitra
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
दुष्यन्त 'बाबा'
शुभ होली
शुभ होली
Dr Archana Gupta
असली नकली
असली नकली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ मिली-जुली ग़ज़ल
■ मिली-जुली ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
मेखला धार
मेखला धार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
" अब मिलने की कोई आस न रही "
Aarti sirsat
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
लाश लिए फिरता हूं
लाश लिए फिरता हूं
Ravi Ghayal
“पतंग की डोर”
“पतंग की डोर”
DrLakshman Jha Parimal
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
Shakil Alam
जच्चा-बच्चासेंटर
जच्चा-बच्चासेंटर
Ravi Prakash
***कृष्णा ***
***कृष्णा ***
Kavita Chouhan
"सन्देशा भेजने हैं मुझे"
Dr. Kishan tandon kranti
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल - इश्क़ है
ग़ज़ल - इश्क़ है
Mahendra Narayan
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
कवि दीपक बवेजा
बंद मुट्ठी बंदही रहने दो
बंद मुट्ठी बंदही रहने दो
Abasaheb Sarjerao Mhaske
एक दिन
एक दिन
Ranjana Verma
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तमगा
तमगा
Bodhisatva kastooriya
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
PRATIK JANGID
Loading...