Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2016 · 1 min read

प्रकृति

प्रकृति

सुन्दर रूप इस धरा का,
आँचल जिसका नीला आकाश,
पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक,
उस पर चाँद सूरज की बिंदियों का ताज
नदियों-झरनो से छलकता यौवन
सतरंगी पुष्प-लताओं ने किया श्रृंगार
खेत-खलिहानों में लहलाती फसले
बिखराती मंद-मंद मुस्कान
हाँ, यही तो हैं,……
इस प्रकृति का स्वछंद स्वरुप
प्रफुल्लित जीवन का निष्छल सार II

—-:: डी. के. निवतियाँ ::—-

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 1529 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
💐अज्ञात के प्रति-36💐
💐अज्ञात के प्रति-36💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सलाह
सलाह
श्याम सिंह बिष्ट
"वक्त वक्त की बात"
Pushpraj Anant
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
Ranjeet kumar patre
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
डिजेन्द्र कुर्रे
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
पूर्वार्थ
इश्क़ ❤️
इश्क़ ❤️
Skanda Joshi
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
ऐ मौत
ऐ मौत
Ashwani Kumar Jaiswal
■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
*Author प्रणय प्रभात*
-- नसीहत --
-- नसीहत --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Srishty Bansal
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
आया बसंत
आया बसंत
Seema gupta,Alwar
भर गया होगा
भर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
एकांत बनाम एकाकीपन
एकांत बनाम एकाकीपन
Sandeep Pande
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
फाउंटेन पेन (बाल कविता )
फाउंटेन पेन (बाल कविता )
Ravi Prakash
मौन अधर होंगे
मौन अधर होंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
2366.पूर्णिका
2366.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
Loading...