Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2017 · 1 min read

पृथ्वी दिवस पर

खनिज लवण जल दे रहा,मानव को वरदान !
पृथ्वी पिंड विशाल यह, लगता मातु समान !!

लगी केंद्र में आग है , फिरभी बाँटे नीर !
पृथ्वी इस ब्रम्हांड का, है ग्रह एक अमीर !!

कहीं प्रदूषण वायु का, कहीं रसायन खाद !
सारे मिलकर कर रहे ,.पृथ्वी तल बर्बाद !!

जिसको भी मौका मिला,दिया उसी ने खोद!
सबको रखे सम्हालकर,पर धरती की गोद!!

फितरत यही जमीन की, लेती सब कुछ सोख!
धर्म निभाती नारि का,…. धरती माँ की कोख !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 518 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
gurudeenverma198
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
नाथ सोनांचली
अपना घर
अपना घर
ओंकार मिश्र
■ तजुर्बे की बात।
■ तजुर्बे की बात।
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
नया साल
नया साल
umesh mehra
स्वयं द्वारा किए कर्म यदि बच्चों के लिए बाधा बनें और  गृह स्
स्वयं द्वारा किए कर्म यदि बच्चों के लिए बाधा बनें और गृह स्
Sanjay ' शून्य'
प्यार के सरोवर मे पतवार होगया।
प्यार के सरोवर मे पतवार होगया।
Anil chobisa
*अक्षय-निधि 【मुक्तक 】*
*अक्षय-निधि 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
Ravi singh bharati
यें हक़ीक़त थी मेरे ख़्वाबों की
यें हक़ीक़त थी मेरे ख़्वाबों की
Dr fauzia Naseem shad
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
DrLakshman Jha Parimal
“Your work is going to fill a large part of your life, and t
“Your work is going to fill a large part of your life, and t
पूर्वार्थ
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रतिध्वनि
प्रतिध्वनि
Er. Sanjay Shrivastava
"सोचिए जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
दरबारी फनकार
दरबारी फनकार
Shekhar Chandra Mitra
बेटी की बिदाई ✍️✍️
बेटी की बिदाई ✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ख़त्म होने जैसा
ख़त्म होने जैसा
Sangeeta Beniwal
बीते कल की रील
बीते कल की रील
Sandeep Pande
तितली थी मैं
तितली थी मैं
Saraswati Bajpai
हर तरफ खामोशी क्यों है
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
कैद अधरों मुस्कान है
कैद अधरों मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
बाती
बाती
Dr. Girish Chandra Agarwal
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
Rj Anand Prajapati
* माथा खराब है *
* माथा खराब है *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पुण्य आत्मा
पुण्य आत्मा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...