Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2016 · 1 min read

पतझड़ है ज़िंदगी

वो छोड़ा है शहर जबसे पतझड़ है ज़िंदगी
भीगी-भीगी सी आंखे है पतझड़ है ज़िंदगी

बसर करे कहाँ ढह गया है आशियाना
खो गई है खुशियाँ कहाँ पतझड़ है ज़िंदगी

न किया फ़िर इस दिल ने उसका इंतज़ार
गम से कर ली है दोस्ती पतझड़ है ज़िंदगी

रुसवा भी हुए चाहत में , फना भी हो गये
तन्हाई का आलम है पतझड़ है ज़िंदगी

जीवन अधूरा डूब गई सपनों की नईया
पीर की बयार आ ठहरा पतझड़ है ज़िंदगी

यादों की भंवर में फस गया दिल बेचारा
न सावन न मधुमास पतझड़ है ज़िंदगी

माना हमें बना दी उसकी यादों ने शायर
छूप-छूप के रो रहें है पतझड़ है ज़िंदगी

“दुष्यंत” तूने क्या पाया जालिम दुनिया से
पल-पल है चोट खाया पतझड़ है ज़िंदगी

1 Comment · 816 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हम जितने ही सहज होगें,
हम जितने ही सहज होगें,
लक्ष्मी सिंह
हमसाया
हमसाया
Manisha Manjari
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*जीवन में जब कठिन समय से गुजर रहे हो,जब मन बैचेन अशांत हो गय
*जीवन में जब कठिन समय से गुजर रहे हो,जब मन बैचेन अशांत हो गय
Shashi kala vyas
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
मैं धरा सी
मैं धरा सी
Surinder blackpen
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
समस्या
समस्या
Neeraj Agarwal
23/81.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/81.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिना मेहनत के कैसे मुश्किल का तुम हल निकालोगे
बिना मेहनत के कैसे मुश्किल का तुम हल निकालोगे
कवि दीपक बवेजा
!! एक ख्याल !!
!! एक ख्याल !!
Swara Kumari arya
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
जी रही हूँ
जी रही हूँ
Pratibha Pandey
💐प्रेम कौतुक-470💐
💐प्रेम कौतुक-470💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुशी के पल
खुशी के पल
RAKESH RAKESH
दूसरों के अधिकारों
दूसरों के अधिकारों
Dr.Rashmi Mishra
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
Dr MusafiR BaithA
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
पेड़ पौधों के प्रति मेरा वैज्ञानिक समर्पण
पेड़ पौधों के प्रति मेरा वैज्ञानिक समर्पण
Ms.Ankit Halke jha
नारी
नारी
Dr fauzia Naseem shad
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
तुम पंख बन कर लग जाओ
तुम पंख बन कर लग जाओ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
मेला झ्क आस दिलों का ✍️✍️
मेला झ्क आस दिलों का ✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
Loading...