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16 Jan 2017 · 1 min read

नवनीत है बेटी

छंद-ग़ज़ल अरु गीत है बेटी,
प्यार भरा संगीत है बेटी.
दुःख-दर्दों में साथ निभाये,
माँ की सच्ची मीत है बेटी.
पूत कपूत भले हो लेकिन,
बाँटे हरदम प्रीत है बेटी.
दोनों तरफ़ सम्बन्ध निभाये,
ऐसी अनुपम रीत है बेटी.
‘सरस’ ह्रदय अक्सर यह बोले,
रिश्तों में नवनीत है बेटी.
*सतीश तिवारी ‘सरस’,नरसिंहपुर (म.प्र.)
Mb-09993879566

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