Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2016 · 1 min read

दीपावली

रौशनी का है त्यौहार दीपावली
करती खुशियों की बौछार दीपावली

दूर कर मन कलुष बाँटती नेह है
प्रीत का देती उपहार दीपावली

साथ मिलकर सभी हैं मनाते इसे
एक करती है परिवार दीपावली

हर जगह सज रही दीपमाला यहाँ
कर रही भू का श्रृंगार दीपावली

दीप मन में ख़ुशी के जलाकर सुनो
हर रही गम का अँधियार दीपावली

चाँद की याद भी आती इस दिन नहीं
जगमगाती यूँ संसार दीपावली

मात लक्ष्मी की करते सभी अर्चना
भरती मन में है संस्कार दीपावली

डॉ अर्चना गुप्ता

3 Likes · 1 Comment · 664 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
आपस की दूरी
आपस की दूरी
Paras Nath Jha
23/30.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/30.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*घर*
*घर*
Dushyant Kumar
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Neeraj Agarwal
रूप तुम्हारा,  सच्चा सोना
रूप तुम्हारा, सच्चा सोना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
कृष्णकांत गुर्जर
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
तड़पता भी है दिल
तड़पता भी है दिल
हिमांशु Kulshrestha
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
Sanjay ' शून्य'
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
"बरसाने की होली"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*विभाजन-विभीषिका : दस दोहे*
*विभाजन-विभीषिका : दस दोहे*
Ravi Prakash
*तू भी जनता मैं भी जनता*
*तू भी जनता मैं भी जनता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गुत्थियों का हल आसान नही .....
गुत्थियों का हल आसान नही .....
Rohit yadav
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
डी. के. निवातिया
उपहार उसी को
उपहार उसी को
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नहीं है पूर्ण आजादी
नहीं है पूर्ण आजादी
लक्ष्मी सिंह
कृपया मेरी सहायता करो...
कृपया मेरी सहायता करो...
Srishty Bansal
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
पूर्वार्थ
"तेरी याद"
Pushpraj Anant
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
आश्रय
आश्रय
goutam shaw
कमियों पर
कमियों पर
REVA BANDHEY
भूले से हमने उनसे
भूले से हमने उनसे
Sunil Suman
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
नजरिया-ए-नील पदम्
नजरिया-ए-नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चाय-दोस्ती - कविता
चाय-दोस्ती - कविता
Kanchan Khanna
Loading...