Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2016 · 1 min read

दिल रोया बहुत है

दिल रोया बहुत है मेरा विदा से पहले
के इश्क़ में छल गई हूं वफ़ा से पहले

संभाला है मैने खुदको बड़ी मशक्कत से
तू ने तो मार ही डाला था क़जा से पहले

रहती हूं हर पल मै तो माँ की दुआ में ही
हर जख्म भर जाता है मेरा दवा से पहले

खुश रहने की दे गया है सौगंध जाते जाते
और सजा दे गया मुझको विदा से पहले

मिलने की तमन्ना है तुझसे मेरे सनम
दीदार करा देना अपना क़जा से पहले

छोड़कर ना जाना मुझको मझधार में कभी
लेती हूं नाम तेरा ही मै सदा से पहले

आ गई है दर पर तेरे कँवल माँ मेहर कर
बस जाना मेरे दिल में बस दुआ से पहले

1 Comment · 506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
विधवा
विधवा
Acharya Rama Nand Mandal
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
Dr. ADITYA BHARTI
"अगर आप किसी का
*Author प्रणय प्रभात*
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
AMRESH KUMAR VERMA
मेरी बेटियाँ
मेरी बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
हिन्दी दोहा -भेद
हिन्दी दोहा -भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" तुम से नज़र मिलीं "
Aarti sirsat
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
गुमराह होने के लिए, हम निकल दिए ,
गुमराह होने के लिए, हम निकल दिए ,
Smriti Singh
गोधरा
गोधरा
Prakash Chandra
मैं तो महज वक्त हूँ
मैं तो महज वक्त हूँ
VINOD CHAUHAN
अपनी अपनी सोच
अपनी अपनी सोच
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
3092.*पूर्णिका*
3092.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*हनुमान (कुंडलिया)*
*हनुमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
Shakil Alam
रोला छंद :-
रोला छंद :-
sushil sarna
सोचें सदा सकारात्मक
सोचें सदा सकारात्मक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सूखी टहनियों को सजा कर
सूखी टहनियों को सजा कर
Harminder Kaur
*सेवानिवृत्ति*
*सेवानिवृत्ति*
पंकज कुमार कर्ण
शिव ही बनाते हैं मधुमय जीवन
शिव ही बनाते हैं मधुमय जीवन
कवि रमेशराज
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
Satish Srijan
ब्याहता
ब्याहता
Dr. Kishan tandon kranti
-- मैं --
-- मैं --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
Rj Anand Prajapati
रुलाई
रुलाई
Bodhisatva kastooriya
Loading...