Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

** त्यौहार अभी नया है **

क्या अंदाज-ए-बयां है
त्योंहार अभी नया है
कोई आया कोई गया
बस अपनी तो आज
दिल में जली होली है
कुछ भी कहो आज
होली फिर होली है
अरमानों की निकली
आज फिर डोली है
अपनी तो फिर भी
मीठी मधुर बोली है
आपने आज फिर
मिश्री -सी घोली है
शायद जुबां ने फिर
हैप्पी होली बोली है
रंगो से रंगीली होली
आपको सपरिवार
मुबारक मुबारक ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
शिव स्तुति
शिव स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मशीन कलाकार
मशीन कलाकार
Harish Chandra Pande
“गणतंत्र दिवस”
“गणतंत्र दिवस”
पंकज कुमार कर्ण
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
वक्त
वक्त
लक्ष्मी सिंह
*पहचान* – अहोभाग्य
*पहचान* – अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
#लघु_कविता-
#लघु_कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
पूर्वार्थ
*धक्का-मुक्की मच रही, झूले पर हर बार (कुंडलिया)*
*धक्का-मुक्की मच रही, झूले पर हर बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
shabina. Naaz
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
वक़्त के साथ वो
वक़्त के साथ वो
Dr fauzia Naseem shad
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
मेरी माटी मेरा देश🇮🇳🇮🇳
मेरी माटी मेरा देश🇮🇳🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
एकाकीपन
एकाकीपन
Shyam Sundar Subramanian
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"अवसाद"
Dr Meenu Poonia
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
Loading...