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14 Jul 2017 · 1 min read

तोहसे करीं प्रीत ऐतना…

तोहसे करीं प्रीत केतना, कईसे बताई जान हो 3
तोहके न पाईब त पागल हो जाईब 2
अधरे में छुटी प्रान हो।

हमहू करीं प्रीत ऐतना, तुही मोर जीऊवा जहान हो। 2
बारीक ई नेहिया के डोर सजनवाँ, टूटे ना प्रीत के सपनवाँ
सपना सजाद बनाल दुल्हिनीया,
पुराद तु मोर अरमनवाँ,
प्रीत रंग गोरी तोहरे अंग – अंग में घुलल
रोम – रोम करे इजहार हो
हमहुँ करीं प्रीत ऐतना, तुहीं मोर जीऊवा जहान हो।
रहिया में तोहरे बीछाईब सनेहिया,
प्रीतवा के घेरी बदरीया,
मंगीया सजाईब पुराईब सपनवाँ
तोहपे निछावर जिनीगीया।.
अंगवा लगाल सजाद सनेहिया, बरसाद प्रीत के बदरवा,
बिन तोहरे लागे कतहु नाहीं मनवा
तुही मोर जिनगी सजनवाँ
का हम बताई तोहे जीयरा के हालत
तोहसे सजल संसार हो
हमहुँ करीं प्रीत एतना , तुहीं मोर जीऊवा जहान हो।
©® पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
Tag: गीत
211 Views
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