Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2017 · 1 min read

तू क्या है?

तू क्या है? ए तू ही जाने ,,
तेरा मन दर्पण ही जाने ,,
दूजे के भला बुरा कहने से,,
क्यों हर्ष-विषाद करें.?
दूसरे का कहना न मान,,
तू क्या है? यह खुद पहचान,,
पहले मन दर्पण में झांक ,,
फिर तू अपने आप को आंक,,
दूसरे को कभी बुरा न बोल,,
पहले अपने आप को तोल,,

रीता यादव

Language: Hindi
1 Like · 638 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*लॉकडाउन (लघु कथा)*
*लॉकडाउन (लघु कथा)*
Ravi Prakash
उगता सूरज
उगता सूरज
Satish Srijan
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
2511.पूर्णिका
2511.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"संकल्प"
Dr. Kishan tandon kranti
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
Manisha Manjari
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
डरता हुआ अँधेरा ?
डरता हुआ अँधेरा ?
DESH RAJ
जिंदगी में दो ही लम्हे,
जिंदगी में दो ही लम्हे,
Prof Neelam Sangwan
■ कविता / आह्वान करें...!!
■ कविता / आह्वान करें...!!
*Author प्रणय प्रभात*
सबूत- ए- इश्क़
सबूत- ए- इश्क़
राहुल रायकवार जज़्बाती
कड़वी बात~
कड़वी बात~
दिनेश एल० "जैहिंद"
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नैनों की भाषा
नैनों की भाषा
Surya Barman
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
Chunnu Lal Gupta
श्रम साधिका
श्रम साधिका
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
सच्चा मन का मीत वो,
सच्चा मन का मीत वो,
sushil sarna
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
Taj Mohammad
दीमक जैसे खा रही,
दीमक जैसे खा रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुक्तक -*
मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-302💐
💐प्रेम कौतुक-302💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हे कान्हा
हे कान्हा
Mukesh Kumar Sonkar
शंकर हुआ हूँ (ग़ज़ल)
शंकर हुआ हूँ (ग़ज़ल)
Rahul Smit
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्यार के बारे में क्या?
प्यार के बारे में क्या?
Otteri Selvakumar
Loading...