Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2017 · 1 min read

तुम मेरी कविता हो

मेरे हर शब्द की,
अपनी,
एक अलग कहानी है,
मेरे दर्द की,
अपनी,
एक अलग रवानी है,
और इसलिए,
मै गीतों को,
शब्दों में ढाल,
तुम तक पहुंचा देता हूँ,
और तुम,
नित नए नए साज़ लेकर,
नयी नयी,
राग बुना करती हो,

शायद,
इस ही लिए,
मै कवि नहीं,
जबतक,
तुम मेरी कविता नहीं,
मेरे अंतर्मन की,
परिकल्पना नहीं,
आस की प्यासी कड़ी हूँ,
मै कवि नहीं,
पर तुम,
मेरी कविता हो,

मैंने अपने स्वप्न कणिक को,
जब जब तुम तक
पहुंचाया,
तब तब मैंने तुमको,
कुछ उदास ही पाया,
फल स्वरुप,
यह उपचार निकला,के
मैं अगर,
कविता बन कर,
तेरे दिल में रहता,
नूतन भावों को चुन चुन कर,
नित गीत नए बनाता,
नैनों के मौन इशारों को,
गतिबध कर देता,
तेरी जितनी मायूसी है,
खुद में समेट लेता,
किसी तरह से भी तुझे,
निराश न होने देता,

जीवन को तेरे,
इन्द्रधनुषी कर देता,
अंकुर नया प्रेम का,
ह्रदय में खिला देता,
दिल की खिड़की खोल प्रिय,
यौवन रस बरसाता,
और तुम,
नए नए स्वप्न सजाकर,
नयी नयी राह चुना करती,
मै अगर,
कविता बनकर,
तेरे दिल में रहता,
तेरे दिल में रहता |

Language: Hindi
1029 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"सोच अपनी अपनी"
Dr Meenu Poonia
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
Er. Sanjay Shrivastava
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
Dr Archana Gupta
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
💐प्रेम कौतुक-245💐
💐प्रेम कौतुक-245💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ संडे इज़ द फंडे...😊
■ संडे इज़ द फंडे...😊
*Author प्रणय प्रभात*
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
मौन की सरहद
मौन की सरहद
Dr. Kishan tandon kranti
अलविदा नहीं
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
मेरी कलम
मेरी कलम
Dr.Priya Soni Khare
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
नवयौवना
नवयौवना
लक्ष्मी सिंह
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
धैर्य और साहस
धैर्य और साहस
ओंकार मिश्र
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
Manisha Manjari
*वकीलों की वकीलगिरी*
*वकीलों की वकीलगिरी*
Dushyant Kumar
नश्वर तन को मानता,
नश्वर तन को मानता,
sushil sarna
3019.*पूर्णिका*
3019.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सूर्यदेव
सूर्यदेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
Loading...