Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2017 · 1 min read

**** तिलिस्म जिंदगी का। ****

************************

तिलिस्म जिंदगी का भी कितना अजीब है

कैच जिंदगी को करने मौत बाउंड्री पर खड़ी है

जिंदगी और मौत के दरमियां इतना फासला है

जैसे कब्बडी में लाईन छूते ही मौत से
जिंदगी है ।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
वक्त नहीं है
वक्त नहीं है
VINOD CHAUHAN
2878.*पूर्णिका*
2878.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नायाब तोहफा
नायाब तोहफा
Satish Srijan
ज़िंदगी के वरक़
ज़िंदगी के वरक़
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
बदलता भारत
बदलता भारत
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
प्यार का इम्तेहान
प्यार का इम्तेहान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
निराकार वह कौन (कुंडलिया)
निराकार वह कौन (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
Ram Krishan Rastogi
मिष्ठी का प्यारा आम
मिष्ठी का प्यारा आम
Manu Vashistha
मूर्ख बनाने की ओर ।
मूर्ख बनाने की ओर ।
Buddha Prakash
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
सत्संग संध्या इवेंट
सत्संग संध्या इवेंट
पूर्वार्थ
अपनी गजब कहानी....
अपनी गजब कहानी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हिज़्र
हिज़्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
दशावतार
दशावतार
Shashi kala vyas
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
Keshav kishor Kumar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कभी उगता हुआ तारा रोशनी बांट लेता है
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
जमाना है
जमाना है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
इंक़लाब आएगा
इंक़लाब आएगा
Shekhar Chandra Mitra
जरूरत के हिसाब से ही
जरूरत के हिसाब से ही
Dr Manju Saini
वहाॅं कभी मत जाईये
वहाॅं कभी मत जाईये
Paras Nath Jha
कभी-कभी दिल को भी अपडेट कर लिया करो .......
कभी-कभी दिल को भी अपडेट कर लिया करो .......
shabina. Naaz
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
ख़ान इशरत परवेज़
Job can change your vegetables.
Job can change your vegetables.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
Loading...