Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2016 · 1 min read

तनहाई

क्यूँ समझती है तेरे बिन यहाँ तनहाई नही है।
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

कभी अपने आप से सवालात किया करता हूँ ।
कभी तेरी तसवीर से ये बात किया करता हूँ ।
है कौन सी वो दास्ताँ ,जो तुझे सुनाई नही है ।
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

मुरझाए दो फूल हैं ,खिलें तो कैसे खिलें ।
मै यहाँ हूँ तू वहाँ है मिले तो कैसे मिले ।
आँगन की इस धूप में तेरी परछाँई नही है ।
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

मेरे गाँव की वो बाग, जिसमें कोयल कोई गाती थी
आम का वो पेड जहाँ तू झूला झूलने आती थी ।
शहर में वो बाग और अमराई नही है
बिस्तर तो है मखमल का, मगर चारपाई नही है ।

…….मुकेश पाण्डेय

Language: Hindi
1 Like · 620 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
💐प्रेम कौतुक-405💐
💐प्रेम कौतुक-405💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
Paras Nath Jha
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
ऐसे खोया हूं तेरी अंजुमन में
ऐसे खोया हूं तेरी अंजुमन में
Amit Pandey
वाह टमाटर !!
वाह टमाटर !!
Ahtesham Ahmad
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
"आशा" के कवित्त"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ये इंसानी फ़ितरत है जनाब !
ये इंसानी फ़ितरत है जनाब !
पूर्वार्थ
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ Rãthí
निज धर्म सदा चलते रहना
निज धर्म सदा चलते रहना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
Phool gufran
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
मैं जिसको ढूंढ रहा था वो मिल गया मुझमें
मैं जिसको ढूंढ रहा था वो मिल गया मुझमें
Aadarsh Dubey
शोषण
शोषण
साहिल
एक हसीं ख्वाब
एक हसीं ख्वाब
Mamta Rani
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
Manisha Manjari
'सरदार' पटेल
'सरदार' पटेल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
पत्नी-स्तुति
पत्नी-स्तुति
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
ज़िंदगी का सवाल रहता है
ज़िंदगी का सवाल रहता है
Dr fauzia Naseem shad
घर की रानी
घर की रानी
Kanchan Khanna
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
"जीवन का प्रमेय"
Dr. Kishan tandon kranti
2821. *पूर्णिका*
2821. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साहित्य सृजन .....
साहित्य सृजन .....
Awadhesh Kumar Singh
आज हालत है कैसी ये संसार की।
आज हालत है कैसी ये संसार की।
सत्य कुमार प्रेमी
*मजदूर*
*मजदूर*
Shashi kala vyas
Loading...