Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2016 · 1 min read

डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’ की तेवरी

तेवरी काव्य

डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’ की तेवरी :
000
हमने सब कुछ हारा मितवा.
जग ने जैम कर मारा मितवा.
घूम-घूम कर दुनिया देखि,
घर है सबसे प्यारा मितवा.
बहुतों ने सब कुछ दे डाला ,
अपनों सा न दुलारा मितवा.
मिलजुल रह रुखी-सुखी खा,
कभी न हो बटवारा मितवा .
पेड़ लगाओ -पेड़ बचाओ
नहीं चलाना आरा मितवा.
पटे न बेशक अपनों से पर,
अपना सबसे न्यारा मितवा.
‘सहज’ मनुज को बिकते देखा,
हमने मगर नाकारा मितवा.
@डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता/साहित्यकारसर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बचपने में जानता था
*Author प्रणय प्रभात*
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
Raju Gajbhiye
*मतदान-त्यौहार 【कुंडलिया】*
*मतदान-त्यौहार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
Vishal babu (vishu)
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
नेता के बोल
नेता के बोल
Aman Sinha
जीवन का सच
जीवन का सच
Neeraj Agarwal
आत्म संयम दृढ़ रखों, बीजक क्रीड़ा आधार में।
आत्म संयम दृढ़ रखों, बीजक क्रीड़ा आधार में।
Er.Navaneet R Shandily
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
💐प्रेम कौतुक-506💐
💐प्रेम कौतुक-506💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2321.पूर्णिका
2321.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हम भारत के लोग उड़ाते
हम भारत के लोग उड़ाते
Satish Srijan
????????
????????
शेखर सिंह
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
मेरे भगवान
मेरे भगवान
Dr.Priya Soni Khare
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एहसास
एहसास
भरत कुमार सोलंकी
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
_सुलेखा.
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
Harminder Kaur
"सुख"
Dr. Kishan tandon kranti
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
Harsh Nagar
जो भी मिलता है उससे हम
जो भी मिलता है उससे हम
Shweta Soni
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
Paras Nath Jha
दोहा-विद्यालय
दोहा-विद्यालय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जिंदगी एक चादर है
जिंदगी एक चादर है
Ram Krishan Rastogi
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
Loading...