Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2017 · 1 min read

जिन्दगीं में और आफत अब न हो

हो चुकी जो भी सियासत अब न हो
मुल्क से मेरे बगावत अब न हो

आपको सौंपा है’ दिल अनमोल ये
इस अमानत में खयानत अब न हो

हमसे’ पीकर दूध हमको ही डसें
ऐसे’ साँपों की हिफाजत अब न हो

हम मरें जिन्दा रहें कुछ गम नहीं
गीदड़ों की बादशाहत अब न हो

जो लड़ा आपस में’ दे हमको यहाँ
धर्म की ऐसी तिजारत अब न हो

बचपने से पचपने तक सब सहीं
जिन्दगीं में और आफत अब न हो

233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उसकी दोस्ती में
उसकी दोस्ती में
Satish Srijan
एक दोहा...
एक दोहा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"अधूरी कविता"
Dr. Kishan tandon kranti
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
दुष्यन्त 'बाबा'
चोरबत्ति (मैथिली हायकू)
चोरबत्ति (मैथिली हायकू)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
असुर सम्राट भक्त प्रहलाद – पूर्वजन्म की कथा – 03
असुर सम्राट भक्त प्रहलाद – पूर्वजन्म की कथा – 03
Kirti Aphale
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
Anil chobisa
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
सावन और स्वार्थी शाकाहारी भक्त
सावन और स्वार्थी शाकाहारी भक्त
Dr MusafiR BaithA
वक्त से पहले..
वक्त से पहले..
Harminder Kaur
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
तुम मेरी
तुम मेरी
Dr fauzia Naseem shad
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
sushil sarna
राम समर्पित रहे अवध में,
राम समर्पित रहे अवध में,
Sanjay ' शून्य'
"सुसु के डैडी"
*Author प्रणय प्रभात*
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्द की धुन
दर्द की धुन
Sangeeta Beniwal
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
घर के मसले | Ghar Ke Masle | मुक्तक
घर के मसले | Ghar Ke Masle | मुक्तक
Damodar Virmal | दामोदर विरमाल
' नये कदम विश्वास के '
' नये कदम विश्वास के '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
उसने कौन से जन्म का हिसाब चुकता किया है
उसने कौन से जन्म का हिसाब चुकता किया है
कवि दीपक बवेजा
If life is a dice,
If life is a dice,
DrChandan Medatwal
बन्दिगी
बन्दिगी
Monika Verma
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सूने सूने से लगते हैं
सूने सूने से लगते हैं
Er. Sanjay Shrivastava
*नहीं जब धन हमारा है, तो ये अभिमान किसके हैं (मुक्तक)*
*नहीं जब धन हमारा है, तो ये अभिमान किसके हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बचपन
बचपन
संजय कुमार संजू
Loading...