Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2017 · 1 min read

गुरु पूर्णिमा

???
(1)
✴गुरु पूर्णिमा
गुरू ही है पूर्ण माँ
पूर्ण आसमाँ ✴

(2)
✴प्रथम गुरु
प्रथम पाठशाला
माँ है शिवाला✴

(3)
✴प्रथम प्यार
प्रथम आलिंगन
माँ है जीवन ✴

(4)
✴माँ चरणों में
प्रथम नमन है
माँ ही गुरू है ✴

(5)
✴पहले माँ का
फिर गुरु चरण
का ध्यान करूँ ✴

???—लक्ष्मी सिंह?☺

Language: Hindi
797 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
I want to tell you something–
I want to tell you something–
पूर्वार्थ
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
Pravesh Shinde
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
एक ज्योति प्रेम की...
एक ज्योति प्रेम की...
Sushmita Singh
गीतिका/ग़ज़ल
गीतिका/ग़ज़ल
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
मेरा प्रदेश
मेरा प्रदेश
Er. Sanjay Shrivastava
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी
Surinder blackpen
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
Dr Archana Gupta
"दुनियादारी के रिश्तों की पींग मिज़ाजपुर्सी से मातमपुर्सी तक
*Author प्रणय प्रभात*
"नव प्रवर्तन"
Dr. Kishan tandon kranti
जब घर से दूर गया था,
जब घर से दूर गया था,
भवेश
बन्द‌ है दरवाजा सपने बाहर खड़े हैं
बन्द‌ है दरवाजा सपने बाहर खड़े हैं
Upasana Upadhyay
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
जी लगाकर ही सदा
जी लगाकर ही सदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सरयू
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*बालरूप श्रीराम (कुंडलिया)*
*बालरूप श्रीराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यह आज है वह कल था
यह आज है वह कल था
gurudeenverma198
दोहा पंचक. . . नैन
दोहा पंचक. . . नैन
sushil sarna
मुझे तारे पसंद हैं
मुझे तारे पसंद हैं
ruby kumari
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
Shashi kala vyas
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
Vishal babu (vishu)
प्रेम तुम्हारा ...
प्रेम तुम्हारा ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुस्तहकमुल-'अहद
मुस्तहकमुल-'अहद
Shyam Sundar Subramanian
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
Loading...