Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2017 · 1 min read

गज़ल

निवेदन, गुज़ारिश, इल्तज़ा

हैं अद्भुत,अद्वितीय प्रयास है।
अखंड आशा से भरा
अंतर्मन का आत्मविश्वास है।
ये निवेदन, गुज़ारिश, इल्तज़ा
सकारात्मक ऊर्जा का उल्लास हैं।

ऩमन नमन तुमको हे निवेदन,
संजीवनी बन खत्म करते तुम
चिंतित हिया की सारी बेदन।

चमत्कार करे शब्द निवेदन
पतझड़ को करें बहार निवेदन।
निर्बल को सबल बनाता निवेदन
कीचड़ में कमल खिलाता निवेदन।

करे मरुभूमि को नदिया कलकल,
भरे पत्थर हृदय में करुणा छलछल।
वल्य को करता वाल्मीकि निवेदन।
इस शब्द छिपा है भाव संवेदन।

बियावान बंजर भूमि को
वसंत से भरता है निवेदन।
कान्हा सुन नीलम का निवेदन
शेष करो मम हृदय की बेदन।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
Vandna thakur
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
Rj Anand Prajapati
घास को बिछौना बना कर तो देखो
घास को बिछौना बना कर तो देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
sushil sarna
2684.*पूर्णिका*
2684.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
डी. के. निवातिया
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
जय लगन कुमार हैप्पी
No battles
No battles
Dhriti Mishra
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
कवि रमेशराज
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
Phool gufran
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
सुहागरात की परीक्षा
सुहागरात की परीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक शाम ठहर कर देखा
एक शाम ठहर कर देखा
Kunal Prashant
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
पिता के चरणों को नमन ।
पिता के चरणों को नमन ।
Buddha Prakash
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
Sundeep Thakur
जिद कहो या आदत क्या फर्क,
जिद कहो या आदत क्या फर्क,"रत्न"को
गुप्तरत्न
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
आज के रिश्ते: ए
आज के रिश्ते: ए
पूर्वार्थ
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
संगत
संगत
Sandeep Pande
"गरीबों की दिवाली"
Yogendra Chaturwedi
NSUI कोंडागांव जिला अध्यक्ष शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana
NSUI कोंडागांव जिला अध्यक्ष शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana
Bramhastra sahityapedia
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
मन में नमन करूं..
मन में नमन करूं..
Harminder Kaur
गाँधी हमेशा जिंदा है
गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
जगदीश शर्मा सहज
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
Loading...