Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2017 · 1 min read

कैसी फितरत इंसान की

आज देखी इंसां में कैसी ये ज़हालत है
इनकी कौमे इंसां से आज क्यूँ बग़ावत है

खून ये बहाते हैं ख़ौफ़ न करें रब का
एक दूसरे का क्यूँ करते ये खिलाफ़त है

Language: Hindi
413 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
मुक्तक
मुक्तक
Rashmi Sanjay
प्रोटोकॉल
प्रोटोकॉल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
कवि दीपक बवेजा
एक ग़ज़ल यह भी
एक ग़ज़ल यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आदिपुरुष फ़िल्म
आदिपुरुष फ़िल्म
Dr Archana Gupta
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
सुबह-सुबह वोट मॉंगने वाले (हास्य-व्यंग्य)
सुबह-सुबह वोट मॉंगने वाले (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
बुढ़िया काकी बन गई है स्टार
बुढ़िया काकी बन गई है स्टार
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
भूख
भूख
नाथ सोनांचली
Work hard and be determined
Work hard and be determined
Sakshi Tripathi
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
जिन्दगी के रंग
जिन्दगी के रंग
Santosh Shrivastava
बुज़ुर्गो को न होने दे अकेला
बुज़ुर्गो को न होने दे अकेला
Dr fauzia Naseem shad
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
Simmy Hasan
अच्छा खाना
अच्छा खाना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
थोड़ा सा मुस्करा दो
थोड़ा सा मुस्करा दो
Satish Srijan
।।जन्मदिन की बधाइयाँ ।।
।।जन्मदिन की बधाइयाँ ।।
Shashi kala vyas
मन में संदिग्ध हो
मन में संदिग्ध हो
Rituraj shivem verma
तू आ पास पहलू में मेरे।
तू आ पास पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
I've learned the best way to end something is to let it star
I've learned the best way to end something is to let it star
पूर्वार्थ
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
Paras Nath Jha
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
🙏
🙏
Neelam Sharma
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
Loading...