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26 Nov 2016 · 1 min read

कुछ दोहे

बिन सोचे समझे नहीं , करना भारत बंद
अच्छे दिन अब दूर हैं , बस कदमों पर चंद

दाल गलेगी अब नहीं,सुनो खोल कर कान
काला धन अब देश में, कुछ दिन का मेहमान

भौतिक सुख तो बढ़ गए , दुखी मगर सब लोग
हँसना भी देखो यहाँ , सीखें करके योग

लगता है अब देश के , सुधरेंगे हालात
कलयुग में होने लगी, सतयुग जैसी बात

मुस्कायेगा बस तभी, अपना हिंदुस्तान
हो जाएंगे एक जब, गीता और कुरान

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
701 Views
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