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14 Feb 2017 · 1 min read

कितना यह समां बदल गया

कितना यह समां बदल गया
कितना मैं खुद बदल गया
यह धरती न बदली
न बदला यह आकाश
मेरी सूरत क्या था और आज में
खुद कितना बदल गया !!

नहीं रहेगा यह फिजां का
खजाना हर रोज
जिस का जाना अब कितना
बदल गया
दिल तो लेकर आये थे
बड़ा साफ़ साफ़ हम
इंसान अपने कर्मो से
खुद ही न जाने
कितना बदल गया !!

कौन करेगा साफ़ अब
इस दिल की मैल को
नहीं मिलता है यहाँ
ऐसा इंसान जो धो सके
इस मैल को
जाये तो जाये किस
गुरु की शरण में, म
अब तो वहां पर वो
वहां का ईमान
कितना बदल गया !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 361 Views
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