Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2016 · 1 min read

कविता

यह कविता लगभग १९ वर्ष की आयु में, जुलाई १९७५ को ट्रैकिंग करते समय, लगभग १०- १२ मिंट के समय में लिखी गई।
आज भी मेरी यह पसंदीदा कविताओं में प्रथम स्थान रखती है।

काश मैं !

काश ! मैं हवा होती
दर्दे दिल की दवा होती
बरसाती समा होता
मैं काली घटा होती ।

हरियाली में पली हुई
मैं भी एक लता होती
गर तारा बन जाती तो
तारों में लापता होती ।

किसी शायर का शे’ र होती
किसी कवि की कविता होती
संगीतकार का संगीत होती
कलाकार की अदा होती ।

पर्वतों से बहने वाली
पवित्र नदी गंगा होती
कोयले की खानों में
काश ! मैं हीरा होती ।

Language: Hindi
280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
मुकाम
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
एक प्यार ऐसा भी
एक प्यार ऐसा भी
श्याम सिंह बिष्ट
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
2816. *पूर्णिका*
2816. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
स्पीड
स्पीड
Paras Nath Jha
सुबह सुहानी आ रही, खूब खिलेंगे फूल।
सुबह सुहानी आ रही, खूब खिलेंगे फूल।
surenderpal vaidya
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
AJAY AMITABH SUMAN
महसूस खुद को
महसूस खुद को
Dr fauzia Naseem shad
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
अच्छे दामों बिक रहे,
अच्छे दामों बिक रहे,
sushil sarna
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां
विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां
दुष्यन्त 'बाबा'
कहां तक चलना है,
कहां तक चलना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
मोदी जी
मोदी जी
Shivkumar Bilagrami
"आत्मा"
Dr. Kishan tandon kranti
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
Surinder blackpen
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कई रात को भोर किया है
कई रात को भोर किया है
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
Loading...