Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2016 · 1 min read

कविता :– नोट के बदलते तेवर ॥

कविता :– नोट के बदलते तेवर ॥

आज हिन्द करवट बदला है !
लोगों का भी मन मचला है !
आज देश में ,
और नोट में ,
साथ हुआ बदलाव ।
नेताओं को आज बता दो ,
बंद करें टकराव ॥

लूट-मार , अब बंद ठगी है !
गद्दारों को चोट लगी है !
आज नोट नें
बदले तेवर ,
उन्हे दिया है घाव ।
नेताओं को आज बता दो ,
बन्द करें टकराव ॥

देश विरोधी दंगे कम है !
खुशियों का प्यारा मौसम है !
गंगाजल संग ,
बहता जमजम ,
बिना किसी अटकाव ।
नेताओं को आज बता दो ,
बन्द करें टकराव ॥

काले धन की लाल कमाई !
नई भोर लेती अंगड़ाई !
गद्दारों की ,
शामत आईं !
बंद हुआ पथराव ॥
नेताओं को आज बता दो ,
बन्द करें टकराव ॥

कवि – अनुज तिवारी “इंदवार”

Language: Hindi
613 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
Subhash Singhai
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
पिताजी का आशीर्वाद है।
पिताजी का आशीर्वाद है।
Kuldeep mishra (KD)
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
अपना चेहरा
अपना चेहरा
Dr fauzia Naseem shad
अजनवी
अजनवी
Satish Srijan
गम   तो    है
गम तो है
Anil Mishra Prahari
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
*पर्वतों की इसलिए, महिमा बहुत भारी हुई (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*पर्वतों की इसलिए, महिमा बहुत भारी हुई (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
Madhuri Markandy
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
🙅नई परिभाषा🙅
🙅नई परिभाषा🙅
*Author प्रणय प्रभात*
हमेशा एक स्त्री उम्र से नहीं
हमेशा एक स्त्री उम्र से नहीं
शेखर सिंह
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
असतो मा सद्गमय
असतो मा सद्गमय
Kanchan Khanna
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
संस्कारधर्मी न्याय तुला पर
संस्कारधर्मी न्याय तुला पर
Dr MusafiR BaithA
कभी कभी ये पलकें भी
कभी कभी ये पलकें भी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हे पिता
हे पिता
अनिल मिश्र
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
गं गणपत्ये! माँ कमले!
गं गणपत्ये! माँ कमले!
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
पूर्वार्थ
Loading...