Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2017 · 1 min read

उर का कान्हा…..

चंद दोहे

कठिन स्वयं को जानना,सचमुच मेरे मीत.
बिनु जाने ख़ुद को सरस,मिले न दुख पर जीत.
०००
कौन है अपना दोस्तो,कौन पराया यार.
आता ना हमको समझ,लोगों का व्यवहार.
***
उलझे हम ख़ुद में हुये,कहते अक़्सर लोग.
बने न अब तक प्रीत के,इसी वज़ह से योग.
०००
सच पूछो तो हम जिन्हें,करते दिल से प्यार.
उनसे ही पग-पग हमें,मिलता बस दुत्कार.
०००
उर का कान्हा ढूँढ़ता,बस राधा सी प्रीत.
मगर न अब तक पा सका,गोरी का दिल जीत.
*सतीश तिवारी ‘सरस’

Language: Hindi
471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्ता रस्म
रिश्ता रस्म
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गुनो सार जीवन का...
गुनो सार जीवन का...
डॉ.सीमा अग्रवाल
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
अधरों ने की  दिल्लगी, अधरों  से  कल  रात ।
अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।
sushil sarna
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
Rj Anand Prajapati
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
बाबा मैं हर पल तुम्हारे अस्तित्व को महसूस करती हुं
बाबा मैं हर पल तुम्हारे अस्तित्व को महसूस करती हुं
Ankita Patel
The life is too small to love you,
The life is too small to love you,
Sakshi Tripathi
नदिया के पार (सिनेमा) / MUSAFIR BAITHA
नदिया के पार (सिनेमा) / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हालातों का असर
हालातों का असर
Shyam Sundar Subramanian
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
Harminder Kaur
वक़्त बुरा यूँ बीत रहा है / उर में विरहा गीत रहा है
वक़्त बुरा यूँ बीत रहा है / उर में विरहा गीत रहा है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इस दरिया के पानी में जब मिला,
इस दरिया के पानी में जब मिला,
Sahil Ahmad
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सच तो ये भी है
सच तो ये भी है
शेखर सिंह
■ शुभ धन-तेरस।।
■ शुभ धन-तेरस।।
*Author प्रणय प्रभात*
"डर"
Dr. Kishan tandon kranti
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
* बेटियां *
* बेटियां *
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-172💐
💐प्रेम कौतुक-172💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
अनहोनी करते प्रभो, रखो मनुज विश्वास (कुंडलिया)*
अनहोनी करते प्रभो, रखो मनुज विश्वास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ঐটা সত্য
ঐটা সত্য
Otteri Selvakumar
I am sun
I am sun
Rajan Sharma
3169.*पूर्णिका*
3169.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
पूर्वार्थ
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
Santosh Barmaiya #jay
Loading...